खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग प्रत्येक महीने ड्राई राशन किट तैयार कर चिकित्सा विभाग को देगा। चिकित्सा विभाग अपने पास उपलब्ध सर्वे सूची के अनुसार सेक्स वर्कर्स को संबंधित एनजीओ के माध्यम से वितरित कराकर खाद्य विभाग को प्रमाण पत्र उपलब्ध कराएगा।
कोरोना लॉकडाउन के दौरान देश के अधिकांश स्थानों पर सेक्स वर्कर्स की भूखे मरने की नौबत आ गई थी, तब कुछ राज्य सरकारों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था।
प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत वर्तमान में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत आने वाले पात्र परिवारों को केवल गेहूं उपलब्ध करवाया जाता है जो अंत्योदय, बीपीएल और स्टेट बीपीएल को 1 रुपए प्रति किलो और अन्य लाभार्थियों को 2 रुपए प्रति किलो प्रति व्यक्ति प्रति महीना 5 किलो मिलता है।
– 5 किलोग्राम आटा
– 1 किलोग्राम चावल
– 500 ग्राम खाद्य तेल
– 1 किलोग्राम दाल
– 500 ग्राम नमक