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सेंट्रल जेल से शंभू का वीडियो वायरल, खुद की जान को बताया खतरा

- राजसमंद प्रकरण में जोधपुर सेंट्रल जेल में है बंद - पश्चिमी बंगाल के बंदी से जान को खतरा होने का आरोप

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– जेल प्रशासन ने ली तलाशी, नहीं मिला मोबाइल

जोधपुर . जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद के राजसमंद लाइव मर्डर प्रकरण के आरोपी शंभूलाल रैगर ने जेल से दो वीडियो वायरल कर जेल की एक बंदी से खुद की जान को खतरा होने का आरोप लगाया है। उसने जेहाद को लेकर भड़काऊ बयान दिए हैं। वीडियो वायरल होने के बाद जेल प्रशासन हड़बड़ी मच गई। आरोपी के बैरक की तलाशी ली गई, लेकिन मोबाइल नहीं मिला। उसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

 

वीडियो में यह आरोप

शंभूलाल राजसमंद प्रकरण के बाद से जोधपुर सेंट्रल जेल में है। उसके रविवार शाम दो वीडियो वायरल हुए। इसमें उसने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन ने उसे सबसे सुरक्षित जगह पर रखा है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से वासुदेव ब्राह्मण नाम का एक बंदी उसके पास आया और उससे दोस्ती कर अपनापन जताने लगा। इस पर उसे संदेह हुआ। शंभूलाल ने आरोप लगाया कि वासुदेव नाम का यह बंदी पश्चिमी बंगाल का है और फर्जी नाम-पते से जेल में बंद है। उसे नशे के मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह बंदी उसे जान से मारना चाहता है।

 

बोला-नहीं डरता मरने से

उसका कहना है कि वह मरने से नहीं डरता, लेकिन जेहाद देश के लिए खतरनाक है। पश्मिची बंगाल सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। देश में कई जेहादी फर्जी नाम-पते से जेहाद फैला रहे हैं। उसने पाकिस्तान व बांग्लादेश द्वारा देश के लिए षड्यंत्र फैलाने का आरोप लगाया। उसने वीडियो में कहा कि वह हिन्दू औरतों को लेकर जेहादी की टिप्पणी करने से क्रोधित हो गया था। इससे उसने बंगाली श्रमिक की हत्या की थी। इसका उसको कोई अफसोस नहीं है। सिर्फ इस बात का अफसोस है कि मीडिया व अन्य ने उसको लेकर महिला के साथ अवैध सम्बन्ध बताया।

उल्लेखनीय है कि राजसमंद लाइव मर्डर मामला पूरे देश में सुखिर्यों में रहा था। घटना के अगले दिन बंगाली श्रमिक की हत्या के आरोपी शंभूलाल को केलवा सर्किल से गिरफ्तार किया गया था। इस मामले के सामने आने के बाद पूरे शहर में तनाव फैल गया और कई दिन तक इंटरनेट बंद रहा था।

 

जोधपुर जेल की सुरक्षा पर सवाल
शंभूलाल ने दो वीडियो वायरल किए। पहला वीडिया दो मिनट 25 सैकण्ड का है, जबकि दूसरा वीडियो 6.19 मिनट का है। वीडियो वायरल होने के बाद जोधपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा पर सवाल खड़े होने लगे हैं। यहां जेल में मोबाइल चलते हैं और जेल प्रशासन को भनक तक नहीं लगती। यहां कई बड़े बंदी बंद हैं। ऐसे में लगातार मोबाइल का उपयोग व ऐसी घटनाएं खतरा हो सकती है।

 

‘जानकारी मिली है’

शंभूनाथ द्वारा दो वीडियो वायरल करने की जानकारी मिली है। उसके बैरक की तलाशी ली गई, लेकिन मोबाइल नहीं मिला। उसने किसी अन्य साथी से मोबाइल लेकर वीडियो बनाया है। जेल प्रशासन इसकी जांच में जुटा हुआ है। उसकी जान को कोई खतरा नहीं है। जेल में मोबाइल चलना गंभीर है। ऐसी घटनाएं रोकने के लिए समय-समय पर तलाशी अभियान चलाते हैं।
– विक्रम सिंह, डीआईजी, जोधपुर सेंट्रल जेल

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