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सियाळू प्याज ने निकाले किसानों के आंसू, बाजार में नहीं मिल रहा भाव

locationजोधपुरPublished: Mar 15, 2019 10:08:52 pm

Submitted by:

Kanaram Mundiyar

-जोधपुर जिले के किसानों ने पहली बार बड़े स्तर पर की थी सीकर के प्याज की बुवाई
-रेवन्यू रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने से नही मिल रहा समर्थन मूल्य

Sikar Pyaj, Mandi Bhav down, Bumper Crops of Onion in Jodhpur

सियाळू प्याज ने निकाले किसानों के आंसू, बाजार में नहीं मिल रहा भाव

जोधपुर.

जिले के प्याज उत्पादक किसानों ने इस बार सीकर में पैदा होने वाले सियाळू प्याज की बड़े स्तर पर पैदावार ली है। बुआई के दौरान किसानों को उम्मीद थी कि लाल रंग के मीठे प्याज से अच्छी आमदनी होगी, लेकिन फसल की पैदावार आई तो भाव नहीं मिल रहे। किसानों के समक्ष जल्द खराब होने वाले इस प्याज के लंबे समय तक भंडारण की चुनौती भी है। इसकी वजह यह है कि जोधपुर के किसानों पास सीकर के किसानों की तरह भंडारण सुविधा नहीं है।
जोधपुर जिले के अधिकांश किसान प्याज की देसी फसल लेते हैं, जो अप्रेल-मई में आती है। लेकिन इस बार किसानों ने सियाळू फसल ली। इसकी पैदावार तो अच्छी हुई, लेकिन भाव नहीं मिलने से औने-पौने दाम पर प्याज बेचने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। जिले के मथानिया, तिंवरी, लोहावट, ओसिया क्षेत्र के किसानों ने करीब 8 हजार हैक्टयर में पहली बार सियाळू प्याज की बुआई की थी और 1 लाख टन प्याज की पैदावार होने का अनुमान है। देसी प्याज की फसल की आवक मई में होगी। इससे पहले किसानों के समक्ष सियाळू प्याज को बेचने की चिन्ता है।
ज्ञात है कि हर साल फरवी-मार्च के माह जोधपुर के बाजार में सीकर के प्याज का बोलबाला रहता है। सीकर का प्याज 10 से 15 रुपए किलो बिकता रहा है। लेकिन इस बार जोधपुर में ही सीकर के प्याज की पैदावार होने से स्थिति उलट गई। अधिक पैदावार आने से प्याज के भाव औंधें मुंह गिर गए। मंडी में अच्छे भाव नहीं मिलने के कारण किसान टै्रक्टर ट्रॉली से जोधपुर शहर की सड़कों पर प्याज बेचने का मजबूर है।
3 से 4 किलो है थोक भाव-

जोधपुर मंडी में स्थानीय प्याज के अलावा प्रतिदिन 10 से 15 ट्रक प्याज सीकर से आ रहा है। ऐसे में होलसेल के भाव 3 से 4 रुपए तथा रिटेल भाव 4 से 6 रुपए है। किसान नेता अजीत कच्छावाह का कहना है कि पहली बार सियाळू प्याज के उत्पादन का सरकारी राजस्व जमाबंदी और गिरदावरी में रिकार्ड होना चाहिए, ताकि किसान समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की मांग कर सके। भारतीय किसान संघ के प्रगतिशील किसान विनोद डागा का कहना है कि मथानिया-ओसियां की मंडी में प्याज की तुलाई होनी चाहिए, ताकि किसान अपना प्याज व्यापारी को बेच सकें। इससे बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी और जोधपुर ले जाना का भाड़ा भी बचेगा।
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