
जोधपुर। कड़ा प्रशिक्षण लेने के बाद खाकी वर्दी पहनकर कानून की रक्षा करने की शपथ लेने वाले पुलिस के दो-तीन सिपाहियों ने तस्करों की मदद करते-करते मादक पदार्थ सप्लाई की एक गैंग खड़ी कर ली है। गैंग के सरगना बने यह फरार सिपाही बड़े स्तर पर डोडा पोस्त तस्करी में लिप्त है। सरकार ने डोडा पोस्त के नशे पर पाबंदी तो लगा दी, लेकिन यह सरगना सप्ताह डोडा-पोस्त से भरे दो-तीन ट्रक सप्लाई कर के लाखों-करोड़ों रुपए वारे-नयारे करने में जुटे हुए है। जबकि पुलिस अपने ही इन सिपाहियों को लंबे समय से पकड़ तक नहीं पाई है।
सप्ताह में दो-तीन ट्रक डोडा पोस्त की सप्लाई -
पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत की मानें तो कोटा पुलिस के कुछ सिपाही जो जोधपुर जिले के मूल निवासी है वो मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त है। जो ऐसे वाहनों को गंतव्य तक पहुंचा रहे है। इसके अलावा फलोदी में ढ्ढू गांव निवासी कोटा पुलिस का कांस्टेबल प्रभुराम विश्नोई व झालावाड़ पुलिस के सिपाही सुखराम विश्नोई तस्करों के सरगना बने हुए है। जो हर सप्ताह दो से तीन ट्रक डोडा पोस्त की खेप मंगाकर 60-70 लाख रुपए वारे-न्यारे कर रहे है। दो माह पहले डोडा पोस्त को दो ट्रक बरामदगी के मामले में इन दोनों की तलाश है। इसके अलावा गत दिनों जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट का सिपाही सुनील विश्नोई भी डोडा पोस्त की तस्करी में गिरफ्तार हो चुका है।
सप्लायर तक को गिरफ्तार करने के निर्देश -
पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत का कहना है कि जिले के पुलिस थानों में दर्ज होने वाले एनडीपीएस एक्ट के मामलों में मौके से पकड़ में आने वालों के अलावा मुख्य आरोपियों तक पहुंचने के निर्देश दिए गए है। ताकि यह सौदागर जेल की सलाखों तक पहुंचे और यह तस्करी बंद हो सके।
वर्ष 2015 से कांस्टेबल को पकड़ने में विफल पुलिस -
डांगियावास थाना पुलिस ने वर्ष 2015 में कार से अफीम का 9.8 किलो दूध जब्त किया था। कोटा पुलिस का सिपाही रावलराम नामजद आरोपी है। जांच सीआईडी के पास है फिलहाल वह निलम्बित और फरार चल रहा है।
Published on:
31 May 2018 12:12 pm
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