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ग्रामीणों ने 600 बीघा ओरण भूमि में उगाई सेवण घास

locationजोधपुरPublished: Dec 16, 2019 11:10:51 am

Submitted by:

pawan pareek

तापू (जोधपुर) तापू गांव के ग्रामीणों व महाजन ट्रस्ट बीकानेर के संयुक्त सहयोग से 600 बीघा अनुपयोगी भूमि पर पशुओं के लिए पश्चिम राजस्थान की जीवन बूटी कहलाने वाली सेवण घास उगाई गई है।

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22 Panchayats and 17 private land sand mines runing,22 Panchayats and 17 private land sand mines runing,ग्रामीणों ने 600 बीघा ओरण भूमि में उगाई सेवण घास,,ग्रामीणों ने 600 बीघा ओरण भूमि में उगाई सेवण घास

तापू (जोधपुर) तापू गांव के ग्रामीणों व महाजन ट्रस्ट बीकानेर के संयुक्त सहयोग से 600 बीघा अनुपयोगी भूमि पर पशुओं के लिए पश्चिम राजस्थान की जीवन बूटी कहलाने वाली सेवण घास उगाई गई है।

आस-पास क्षेत्र की हजारों गायें अगले कई वर्षो तक सेवण घास का सेवन करेंगी क्योंकि सेवण घास के बीज एक बार उगने के बाद चारों ओर बिखरे जाएंगे व आगामी दिनों में कम बरसात में स्वत:ही अंकुरित हो जाएंगे। इससे पशुपालकों को सालाना करीब 50 लाख रुपए की बचत होगी, साथ ही गांव की बंजर व अनुपयोगी भूमि भी उपयोगी बन जाएगी।

क्या है सेवण घास

सेवण घास का वैज्ञानिक नाम लासीरूस स्किंडिकस है। यह पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर जिलों के बेहद शुष्क क्षेत्र में हल्के रेतीले व कम ऊंचे टिब्बों व 250 मिमी से कम वर्षा वाले क्षेत्रो में पाई जाती है। यह बारहमासी घास है जो करीब 20 वर्ष तक उगी रह सकती है।इसका चारा पोष्टिक तत्वों से भरपूर होता है,जो पशुओं के लिए लाभदायक होता है।

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