संभाग के बाहरी जिलों में परीक्षा केन्द्रों के सम्पर्क में थे सरगना
इस बार होने वाली कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को दूसरे जिले की बजाय संभाग भी बदलकर परीक्षा केन्द्र आवंटित करने के प्रयास किए गए हैं। इसके बावजूद ई-प्रवेश पत्र मिलने के बाद नकल सरगना ऑनशीट या डीटीएच वाले अभ्यर्थियों के लिए उनके परीक्षा केन्द्र वाले जिलों में सम्पर्क साधने लग गए थे, ताकि परीक्षा केन्द्र के संचालक से मिलीभगत कर फर्जी अभ्यर्थी बिठाकर नकल करवा सकें। इस बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने बीकानेर व हनुमानगढ़ जिले की पुलिस से सम्पर्क साधकर जांच शुरू की है।
पुलिस महानिरीक्षक (रेंज) हवासिंह घुमरिया ने बताया कि अब खाण्डा फलसा थाने के बजाय एसओजी निरीक्षक शंकरलाल मामले की जांच करेंगे। जांच एसओजी के हवाले कर दी गई है। ऐसे में पुलिस ने अनुपम क्लासेज के संचालक भीखाराम जाणी, अरुण पुत्र दिलीप कुमार, सुरेश विश्नोई, बतौर अभ्यर्थी रामदीन विश्नोई, रघुवीर सिंह, भंवरलाल विश्नोई, हरिनारायण विश्नोई, मालाराम विश्नोई, मनीष विश्नोई व निर्मल पालीवाल के अलावा फोटो स्टूडियो के संचालक रमेश प्रजापत को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया और जेल भिजवा दिया।
एसओजी लेगी रिमाण्ड मामले की फाइल मिलने के बाद संभवत: शुक्रवार को एसओजी जांच अधिकारी आरोपियों को कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर रिमाण्ड पर लेंगे। आरोपियों से कई खुलासे होने की संभावना है। कई और आरोपियों के गिरफ्त में आ सकेंगे।
पच्चीस हजार का इनामी बदमाश का सुराग नहीं पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में बाड़मेर व जालोर में दबिशें दे रही है। फिलहाल किसी के पकड़ में आने की सूचना नहीं है। कोचिंग सेंटर संचालक के भाई जगदीश जाणी का सुराग नहीं है। वह बाड़मेर जिले में नकल के एक अन्य मामले में भी वांछित है। कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में उसके सक्रिय होने की आशंका पर एसओजी ने गत दिनों उसकी गिरफ्तारी के बारे में सूचना देने वाले को पच्चीस हजार रुपए के इनाम की घोषणा की थी।
नकल की जांच एसओजी के पास पिछले कुछ वर्षों से राज्यभर में प्रतियोगी परीक्षाओं के दौरान नकल करवाने के जो भी मामले दर्ज हुए हैं, उन सभी की जांच एसओजी के पास है। अलग-अलग अधिकारी जांच कर रहे हैं।