सवाल- चुनाव लडऩे से पहले आपने जनता से कई वादे भी किए होंगे, अब आपकी क्षेत्र के विकास में क्या प्राथमिकताएं रहेगी ?
जवाब- लूणी क्षेत्र के चहुंमुखी विकास ही प्राथमिकता रहेगी। लूणी और जोजरी नदी के प्रदूषण पर अंकुश लगाना पहली प्राथमिकता रहेगी। इसके अलावा क्षेत्र में शिक्षा व चिकित्सा व्यवस्था सुधारने एवं पेयजल का सुदृढ़ीकरण करना भी प्राथमिकता में शामिल है।
सवाल – आप व्यवसाय से सीधे राजनीति में आ गए और पहली बार विधायक बने हैं क्या आने वाली चुनौतियां का कैसे सामना करेंगे ? जवाब- मेरे समक्ष किसी प्रकार की चुनौतियां नहीं रहेगी। क्योंकि भारत का भविष्य भी युवाओं के कंधों पर हैं और युवाओं में कार्य करने की अधिक क्षमता है। कांगे्रस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी युवा ही है। उनके मार्गदर्शन में ही हम भी आगे बढ़ेगे।
सवाल- लंबे समय से आपका परिवार राजनीति में है, इसलिए जनता की अपेक्षा भी बढ़ जाती है…इसे किस रूप में लेंगे ?
जवाब- निश्चित रूप से लोगों की अपेक्षा तो रहेगी। दादा 36 ही कौम के नेता रहे हैं। उन्होंने सर्किट हाउस से ही राजनीति की है। वो जनता के बीच ही रहते थे। मैं भी दादा की विरासत को आगे बढ़ाने का पूरा प्रयास करूंगा।
सवाल- आपके दादा रामसिंह विश्नोई का ऐसा कौनसा काम या कौनसी शैली जो आपका आज भी याद है। जवाब – जो भी उनके पास काम लेकर आता था, उनका काम होता था। वो मंत्री होते या नहीं होते तो भी सरकार या शासन में उनकी बात कोई अफसर या नेता नहीं टालता था। इसलिए लोगों का उनसे विशेष जुड़ाव था।
सवाल- आप बचपन से राजनीतिक माहौल देखते रहे हैं, क्या आपने कभी सोचा कि आप भी विधायक बनेंगे।
जवाब- पढ़ाई के साथ-साथ ही व्यवसाय की तरफ बढ़ गया, ऐसा कभी नहीं सोचा कि मुझे राजनीति में आना पड़ेगा। लेकिन परिस्थितियां ऐसी आ गई कि मुझे चुनाव में उतरना पड़ा। पिछली बार दादी को भी चुनाव में उतारा, लेकिन दादी बुजुर्ग होने से लोगों में उत्साह नहीं रहा। इस बार लोगों ने मुझ पर विश्वास जताया और जीता भी दिया।
सवाल- प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी, कई विधायकों को मंत्री बनाया गया। क्या आपकी भी इच्छा थी कि आपका चयन मंत्री के रूप में किया जाना चाहिए था? जवाब – मंत्री बनने की इच्छा तो सभी की होती है, लेकिन हर कोई नहीं बनता। वैसे जोधपुर को मुख्यमंत्री पद मिल गया। इसलिए जोधपुर के सभी विधायक मंत्री के बराबर ही है। मेरे लिए तो बहुत समय पड़ा है। जो भी मंत्री बने हैं वो मेरे दादा व पिता के साथ काम किए हुए हैं, इसलिए मुझे तो सभी से सीखने का मौका मिल रहा है। विधायक के लिए मंत्री होना या नहीं होना कोई फर्क नहीं पड़ता।
सवाल- लूणी में पिछले दो चुनाव भाजपा ने जीते, इस बार पुन: कांग्रेस काबिज हुई। यह जीत कांग्रेस की हुई या पूर्व मंत्री रामसिंह विश्नोई के पौत्र महेन्द्र विश्नोई की ? जवाब- कांग्रेस का अपना वोटबैंक हैं, लेकिन रामसिंहजी ने लूणी की जनता की बहुत सेवा की। उनका जनता के प्रति लगाव के कारण ही मुझे जीत हासिल हुई। यह जीत महेन्द्र विश्नोई की नहीं बल्कि दादा रामसिंहजी और कांग्रेस दोनों की जीत है।