script2 कर्नल सहित रॉ, बीएसएफ के अधिकारियों की जासूसी! | Spying on RAW, BSF officers including 2 colonels | Patrika News

2 कर्नल सहित रॉ, बीएसएफ के अधिकारियों की जासूसी!

locationजोधपुरPublished: Jul 29, 2021 07:46:59 pm

– पेगासस स्पाइवेयर के लीक हुए डाटाबेस में मिले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के नम्बर- अधिकांश ने उठाई थी सिस्टम के खिलाफ आवाज

2 कर्नल सहित रॉ, बीएसएफ के अधिकारियों की जासूसी!

2 कर्नल सहित रॉ, बीएसएफ के अधिकारियों की जासूसी!

जोधपुर. इजराइली स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर पेगासस के लीक हुए सॉफ्टवेयर में आर्मी के दो अधिकारियों के फोन नम्बर भी मिले हैं, जिनकी जासूसी की संभावना है। ये दोनों अधिकारी आर्मी की जोधपुर स्थित कोणार्क कोर में तैनात थे और दोनों ही आर्मी की ज्यूडिशरी ब्रांच में थे। दोनों ने ही सिस्टम की खामियों को उजागर किया था।
कर्नल मुकुल देव जोधपुर मिलिट्री स्टेशन में वर्ष 2016 से 2018 तक जज एडवोकेट जनरल (जेग) ब्रांच में तैनात थे। उन्होंने वर्ष 2017 में रक्षा सचिव को कानूनी नोटिस भेजकर शांति क्षेत्रों में तैनात सेना के जवानों को सीधा राशन देने की बजाय पैसे देने का विरोध किया था। इसके अलावा भी वे सिस्टम में खामियों को उठाते रहे हैं। वर्ष 2018 में उनका स्थानांतरण भटिंडा कर दिया गया। उनके स्थान पर कर्नल अमित कुमार आए। कर्नल अमित के साथ उनकी पत्नी कर्नल अनु भी जेग ब्रांच में थी। जोधपुर आने से पहले कर्नल अमित जम्मू-कश्मीर में तैनात थे, जहां 356 सैन्य अधिकारियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पूर्वोत्तर राज्यों में लागू आम्र्ड फोर्सेज स्पेशनल पावर एक्ट (आफस्पा) को कमजोर करने के विरुद्ध याचिका लगाई थी। उनकी याचिका के बाद अन्य सैन्यकर्मियों ने खुद याचिकाएं लगाई और ये बढकऱ 750 तक पहुंच गई थी। जोधपुर आने के बाद कर्नल ने सेना की रिटायरमेंट व ट्रांसफर पॉलिसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सेना ने उनका ट्रांसफर जोधपुर से सीधा अण्डमान निकोबार कर दिया, जहां केवल एक बिग्रेड है और जेग ब्रांच को कोई खास काम नहीं होता है।
बीएसएफ, रॉ और ईडी के अधिकारियों के फोन नम्बर भी
पेगासस के लीक हुए डेटाबेस में बीएसएफ के तत्कालीन प्रमुख केके शर्मा, प्रवर्तन निदेशालय के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के फोन नंबर भी मिले हैं। राजेश्वर सिंह की तत्कालीन वित्त सचिव हंसमुख अधिया और सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ खींचतान थी। भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के अधिकारी जितेंद्र कुमार ओझा का नाम भी शामिल है। ओझा को 2018 में समयपूर्व सेवानिवृत्त कर दिया गया था, जिसको उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चुनौती दी थी।
क्या है पेगासस स्पाइवेयर
इजराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ ने पेगासस स्पाइवेयर बनाया है जो सरकारों को जासूसी की सुविधा उपलब्ध करवाता है। वर्ष 2016 में इसका पहली बार खुलासा संयुक्त अरब अमीरात के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने किया। इसके बाद मेक्सिको सहित कई देशों में इसकी जासूसी का पता चला। हाल ही में पेगासस के जरिए भारत सरकार की ओर से 300 से अधिक सरकारी अधिकारियों, पत्रकारों और राजनेताओं की जासूसी करने की बात सामने आई है।
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‘मैंने देश सेवा के लिए अलावा कुछ नहीं किया। सिस्टम में खामियों को उजागर कर अपने संगठन (आर्मी) को मजबूत ही बनाया है।’
– रिटायर्ड कर्नल अमित कुमार

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