बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से क्लेम राशि प्राप्त करने पर बकाया की मांग नहीं की जा सकती
जोधपुरPublished: Jun 17, 2021 12:17:56 pm
राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने स्वीकार किया परिवाद
बिना किसी दबाव के स्वेच्छा से क्लेम राशि प्राप्त करने पर बकाया की मांग नहीं की जा सकती
जोधपुर। राजस्थान राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने दी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ दायर परिवाद को स्वीकार करते हुए यह अभिनिर्धारित किया है कि एक बार बिना किसी दबाव के स्वेच्छा पूर्वक क्लेम राशि प्राप्त करने पर परिवादी बकाया क्लेम की राशि की मांग करने का अधिकारी नहीं हो सकता।
आयोग के न्यायिक सदस्य अतुल कुमार चटर्जी और सदस्य संजय टाक की खंडपीठ ने धूत ऑटो प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर परिवाद को अस्वीकार करते हुए यह व्यवस्था दी। परिवाद में कहा गया था कि परिवादी को कैस्ट्रोल ऑयल लिमिटेड ने डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त किया था। परिवादी ने 16 जुलाई 2009 से 15 जुलाई 2010 की अवधि के लिए प्रार्थी बीमा कंपनी से 97 लाख 80 हजार के उत्पाद बीमित करवाए। परिवाद के अनुसार 9 दिसंबर 2009 को परिवादी के व्यवसायिक परिसर में आग लग गई, जिससे संपूर्ण स्टॉक जल गया। बीमा कंपनी ने 1 वर्ष बाद 96 लाख 66 हजार के दावे के विपरीत 48 लाख 19 हज़ार का क्लेम स्वीकृत किया। परिवादी ने कहा कि बीमा कंपनी ने मजबूरी का फायदा उठाते हुए दबाव बनाकर वाउचर पर पूर्ण व अंतिम रूप से सहमति के हस्ताक्षर करवाए। इस आधार पर परिवाद में बकाया क्लेम की मांग की गई । बीमा कंपनी की ओर से अधिवक्ता मुकुल सिंघवी ने परिवादी के दावों को असत्य बताते हुए कहा कि कंपनी ने परिवादी पर किसी तरह का दबाव नहीं डाला। परिवादी ने स्वेच्छा से क्लेम की राशि प्राप्त की और अपनी सहमति दी है। इन तथ्यों की पुष्टि दस्तावेजों से की जा सकती है। आयोग ने अपने निर्णय में कहा कि यह प्रमाणित नहीं होता कि बीमा कंपनी ने परिवादी पर दबाव बनाते हुए किसी तरह की सहमति प्राप्त की।