न्यायाधीश विजय बिश्नोई एवं न्यायाधीश अरुण भंसाली खंडपीठ में दायर याचिकाओं में कहा गया था कि प्रार्थी गणों को स्टेनोग्राफर परीक्षा एवं टाइपिंग टेस्ट अच्छे होने के बावजूद असफल घोषित कर दिया गया है, जबकि उन अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है जिनकी स्टेनोग्राफर परीक्षा एवं टाइपिंग टेस्ट अच्छा नहीं रहा। कई बार रजिस्ट्रार जनरल को प्रतिवेदन पेश करने के बावजूद उनकी मांगें नहीं सुनी गई। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से बताया गया कि भर्ती परीक्षा के परिणाम को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है, जिससे संदर्भित परीक्षा के अंतिम परिणाम में बड़े परिवर्तन होने की संभावना है। खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट प्रशासन परीक्षा के परिणाम को संशोधित करने जा रहा है, इसलिए हम याचिकाओं को गुण-दोष के आधार पर तय करना उचित नहीं मानते है। परिणाम के संशोधन के बाद याचिकाकर्ताओं के लिए नई याचिका दायर करने का विकल्प खुला रहेगा।