कहानी एक री-साइकिल कंपनी के 11 सौ करोड़ टर्नओवर वाली
- जोधपुर मूल के राम प्रजापति का नवाचार पहुंचा 11 सौ करोड़ के टर्न ओवर के पार
- मई 2019 से अब तक किया आठ लाख टन से ज्यादा वेस्ट निर्यात

अविनाश केवलिया. जोधपुर
जोधपुर सहित राजस्थान और पूरी दुनिया के लिए बड़ी समस्या बढ़ता हुआ वेस्ट है। इसमें से 60 प्रतिशत से ज्यादा गंदगी, कचरे का सेग्रीगेशन नहीं होने से हर शहर में डम्पिंग यार्ड के पहाड़ खड़े हो गए हैं। जोधपुर के केरू में भी यह देखा जा सकता है। लेकिन जोधपुर के ही एक व्यक्ति ने इसी वेस्ट की री-साइक्लिंग कंपनी शुरू की पिछले साल ही 1100 करोड़ के पार टर्नओवर पहुंचा दिया।
यह है राम कृष्ण प्रजापति। प्रारंभिक शिक्षा डीडवाना में ली और फिर सीए बने। पहले मुम्बई और फिर बेल्जियम में जॉब किया। डेढ़ साल पहले खुद का ही री-साइक्लिंग काम सिनर्जी ट्रेडको एनवी नाम से शुरू किया। कम समय में कई लोग जुड़े और 15 देशों में ऑफिस और 52 देशों में काम फैला लिया। जोधपुर के केरू डम्पिंग यार्ड की स्थिति भी पूर्व में देखी है। वेस्ट कलेक्शन पर वे एक बड़ा परिवर्तन जोधपुर सहित पूरे देश में लाने का सपना रखते हैं। उनका जोधपुर प्रेम भी अनोखा है, बेल्जियम में अपने गाड़ी की नंबर प्लेट पर जोधपुर लिखा हुआ है।
आधा किलो कचरा एक व्यक्ति जनरेट करता है
एक दिन में आधा किलो वेस्ट एक व्यक्ति जनरेट करता है। इस लिहाज से जल्द ही डम्पिंग के लिए लैंड भी पूरी हो जाएगी। वे वेस्ट पेपर, प्लास्टिक, ग्रैन्यूल्स, मेटल स्क्रेप, कॉइल्स और मैंगनीज मिनरल के वेस्ट दुनिया के सभी देशों में निर्यात करते हैं, भारत में भी इसका बड़ा हिस्सा आयात होता है। भारत में वेस्ट कलेक्शन सेग्रीगेशन और रिसाइकिल पर अभी भी बहुत काम होना बाकी है। राम भारत में 300 से अधिक लोगों की टीम बनाकर इसको एक प्रतिष्ठित समाजसेवी ग्रीन कॉरपोरेट प्रोडक्ट का रूप देना चाहते है।
व्यवहार परिवर्तन लाना जरूरी
रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने वाला विश्व में नम्बर एक देश स्वीडन है, वहां 98 प्रतिशत तक वेस्ट रीसाइकिल होता है। बेल्जियम का नम्बर दूसरा है। वहां 92 प्रतिशत वेस्ट रीसाइकिल है। भारत में इस स्तर तक जाने के लिए लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना सबसे जरूरी है। यहां फिलहाल गीला और सूखा कचरा भी लोग अलग-अलग एकत्रित नहीं करते। जबकि उन देशों देशों में गीला, सूखा के अलावा, बायो वेस्ट, मेटल वेस्ट सहित अलग-अलग श्रेणियां हैं। उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना है। राम भी राजस्थान के लिए ऐसी व्यवस्था का प्लान तैयार कर चुके हैं।
अब पाइए अपने शहर ( Jodhpur News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज