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Rajasthan News : राजस्थान का ये बेटा मरकर भी रहेगा ‘जिंदा’…चार लोगों को देगा एक नई जिंदगी

Road Accident in Rajasthan : बारहवीं बोर्ड परीक्षा का अंतिम पेपर देकर घर लौट रहे एक छात्र को बोरानाडा क्षेत्र में एक फैक्ट्री के पास ट्रक ने कुचल दिया।

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Road Accident in Rajasthan : बारहवीं बोर्ड परीक्षा का अंतिम पेपर देकर घर लौट रहे एक छात्र को बोरानाडा क्षेत्र में एक फैक्ट्री के पास ट्रक ने कुचल दिया। घायल छात्र को एम्स ले जाया गया, जहां उसे ब्रेन डेड (मस्तिष्क की मौत) घोषित किया गया। घरवालों ने एम्स प्रशासन को छात्र के अंग दान की सहमति दी। इसके बाद छात्र के शरीर से अंग निकालने के लिए एम्स में प्रक्रिया शुरू हो गई। बुधवार सुबह 7 बजे ऑपरेशन करके छात्र के शरीर से 2 किडनी, हार्ट और लीवर निकाला गया। ऑपरेशन दो घंटे तक चला। अंगदान से चार लोगों को नया जीवन मिलेगा। जोधपुर में किसी ब्रेन डेड मरीज का यह पहला अंगदान होगा।

बनेगा ग्रीन कॉरिडोर

एक किडनी और लीवर एम्स अस्पताल में भर्ती मरीज को ट्रांसप्लांट किया जाएगा। दूसरी किडनी और एक हार्ट एसएमएस अस्पताल जयपुर भेजा जाएगा। इसके लिए एम्स ने पुलिस को ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए पत्र लिखा है। सुबह 11 बजे एम्स से एंबुलेंस जयपुर के लिए रवाना होगी। एम्स अस्पताल और एसएमएस जयपुर में अंग ट्रांसप्लांट करने वाले मरीजों को तैयार करके रखा गया है। एसएमएस जयपुर से डॉक्टरों की टीम देर रात जोधपुर के लिए रवाना हो गई है।

डिवाइडर के पास बने कट से बाइक से टकराया, ट्रक ऊपर से निकला
पाल में सारण नगर निवासी विक्रम कुमार (19) पुत्र रमेश कुमार आचू 12वीं वाणिज्य की परीक्षा देकर सोमवार दोपहर 12 बजे अपनी बाइक से घर लौट रहा था। बोरानाडा में हैण्डीक्राफ्ट फैक्ट्री के सामने डिवाइडर के बीच बने कट से एक अन्य बाइक सवार अचानक मुड़ने लगा। तभी विक्रम की बाइक उस बाइक से जा टकराई। इससे विक्रम उछलकर डिवाइडर के कट से दूसरी दिशा में से आ रहे एक ट्रक के आगे जा गिरा। ट्रक उसके ऊपर से निकल गया। आसपास के लोगों ने उसे एम्स में भर्ती कराया। परिजन ने बोरानाडा थाने में एफआइआर दर्ज नहीं करवाई है। उसके पिता कारपेंटर हैं। उनके दो और पुत्र व एक पुत्री है। ट्रक की चपेट से विक्रम का ब्रेन डेड हो गया, जबकि उसके शरीर के अन्य अंग काम कर रहे थे। हार्ट काम करने से अन्य अंगों को रक्त की आपूर्ति हो रही थी। एम्स के चिकित्सकों ने विक्रम के परिजन को बताया कि उसके अंगदान से 4 मरीजों की जिंदगी बचाई जा सकेगी। चचेरे भाई गोविंद सुथार ने बताया कि परिवार में बातचीत के बाद अंग दान करने का निर्णय किया गया।

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