
गजेंद्र सिंह दहिया
Rajasthan News: भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई के पायलट स्क्वाड्रन लीडर एसएस भटकरे ने स्वयं ही जहाजों के निरीक्षण की तकनीक विकसित की है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित इस ‘एयरक्राफ्ट इंस्पेक्शन सिस्टम’ से मानवीय भूल के कारण होने वाली लड़ाकू विमान की दुर्घटनाओं से काफी हद तक बचा जा सकेगा।
इस तकनीक को दो दिन पहले जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर आयोजित इंटरनेशनल डिफेंस एविएशन एक्सपो में प्रदर्शित किया गया। लड़ाकू विमान उड़ाने से पहले एयरफोर्स के पायलट को स्वयं ही अपने स्तर पर जहाज का निरीक्षण करना पड़ता है। वह जहाज के पैनल, गॉज, कवर सहित अन्य हार्ड पॉइंट देखता है। कहीं कोई उपकरण या पैनल ढीला या क्षतिग्रस्त नहीं हो गया हो। कई बार पायलट को हवा में किसी खराबी का पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
यह सिस्टम विमान की जांच कैमरों की मदद से खुद ही कर लेता है। यह सिस्टम सबसे पहले देखता है कि जहाज को कहीं कोई बाहरी नुकसान तो नहीं हुआ है। इसके बाद इसके कैमरे पैनल, गॉज, पंख, टायर सभी देखते हैं। जो उपकरण या पैनल दुरुस्त होते हैं उन पर कैमरा पड़ते ही ग्रीन लाइट हो जाती है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से इस पूरे सिस्टम को बगैर खामी युक्त तैयार किया गया है।
कुछ साल पहले जब केंद्र सरकार स्टार्ट अप और इनोवेशन के लिए पूरे देश में अभियान चला रही थी तो मैंने भी कुछ नया इनोवेशन करने की सोची और एयरक्राफ्ट इंस्पेक्शन सिस्टम तैयार किया। इससे मानवीय भूल से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।
Published on:
17 Sept 2024 07:40 am
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