समझें इस माह की तिथियों का तथ्य तिथि बढ़ोतरी : श्रावण मास में 30 जुलाई को सप्तमी तिथि के अगले दिन 31 जुलाई को फिर सप्तमी तिथि आ जाएगी । तिथि क्षय : इसी तरह 25 जुलाई को प्रतिपदा के बाद 26 जुलाई को द्वितीया तिथि नहीं बल्कि सीधे तृतीया तिथि आ जाएगी । अगस्त 16 को अष्टमी के बाद 17 अगस्त को नवमी नहीं बल्कि दशमी तिथि आ जाएगी ।
श्रावण मास : सावन का महीना 25 जुलाई से 22 अगस्त तक रहेगा इसमें भी 29 दिन होंगे । होता रहता है तिथियों का क्षय और वृद्धि प्रमुख ज्योतिषियों के अनुसार तिथियों का क्षय और वृद्धि होती रहती है। सूर्योदय के समय जो तिथि होती है, वही पूरे दिन मानी जाती है। भले ही सूर्योदय के कुछ ही मिनट बाद ही अगली तिथि आ रही हो। अगर किसी तिथि की अवधि 24 घंटे से अधिक है और वह सूर्योदय से कुछ देर पहले ही आरंभ हुई हो तो वह अगले सूर्योदय के बाद भी जारी रहेगी । इससे अगले दिन भी वही तिथि मानी जाएगी। इसे तिथि वृद्धि कहते हैं। यदि किसी तिथि की अवधि 24 घंटे से कम है और वह सूर्योदय के बाद आरंभ हुई और अगले सूर्योदय के पहले ही समाप्त हो गई, तो यह तिथि क्षय कहलाती है। जैसा कि इस श्रावण मास में कृष्ण पक्ष की द्वितिया एवं शुक्ल पक्ष की नवमी का क्षय होना है ।