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JNVU में 2 कुलपति, 4 रजिस्ट्रार बदले, लेकिन कोई नहीं करवा सका सिण्डीकेट, ये मामले अटके

locationजोधपुरPublished: Mar 26, 2019 01:20:16 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

सिण्डीकेट विवि का संचालन करने वाली सर्वोच्च नियामक संस्था है, जिसकी अनुमति के बगैर विवि में कोई कार्य नहीं हो सकता।

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JNVU में 2 कुलपति, 4 रजिस्ट्रार बदले, लेकिन कोई नहीं करवा सका सिण्डीकेट, ये मामले अटके

गजेंद्र सिंह दहिया/जोधपुर. जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में पिछले एक साल से सिंडीकेट की बैठक नहीं हो पा रही है। गत 24 मार्च 2018 को तत्कालीन कुलपति डॉ. आरपी सिंह ने सिण्डीकेट बैठक आहूत की थी। इसके बाद जेएनवीयू में 2 कुलपति और 4 रजिस्ट्रार बदल गए, लेकिन किसी ने भी सिण्डीकेट बैठक नहीं की। सिण्डीकेट विवि का संचालन करने वाली सर्वोच्च नियामक संस्था है, जिसकी अनुमति के बगैर विवि में कोई कार्य नहीं हो सकता। सरकार की ओर से नियुक्त रजिस्ट्रार को काम करने से पहले सिण्डीकेट की स्वीकृति आवश्यक है, लेकिन पिछले एक साल में जेएनवीयू में 4 रजिस्ट्रार बदल गए, जिसमें से तीन को सिण्डीकेट की स्वीकृति ही नहीं मिली।
अंतिम सिण्डीकेट बैठक में प्रो प्रदीप शर्मा रजिस्ट्रार थे। उसके बाद आरएएस अधिकारी भंवर सिंह सांदू आए लेकिन वे भी बगैर सिण्डीकेट स्वीकृति के काम करते रहे और स्थानांतरित हो गए। इसके बाद आईएएस अधिकारी वंदना सिंघवी और अब वर्तमान रजिस्ट्रार आरएएस अधिकारी अयूब खान काम कर रहे हैं। डॉ. आरपी सिंह के बाद 5 मई 2018 में आयुर्वेद विवि के कुलपति डॉ. राधेश्याम शर्मा को कार्यवाहक कुलपति बनाया। वे 5 महीने तक कुर्सी पर रहे लेकिन सिण्डीकेट बैठक नहीं की। 6 अक्टूबर 2018 को प्रो. गुलाबसिंह चौहान कुलपति बने। पहले विधानसभा चुनाव और अब लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण वे बैठक नहीं कर रहे।
सिण्डीकेट में अटके ये काम

– विवि का वर्ष 2018-19 का बजट पास नहीं हुआ।
– सरकार ने विवि के शिक्षकों को सातवां वेतनमान दे दिया। यहां तक की ग्रांट भी आ गई, लेकिन सिण्डीकेट से अनुमति लेने की अनिवार्यता में यह अटका हुआ है।
– विवि की एकेडमिक कॉन्सिल ,रिसर्च बोर्ड में छात्रों की पढ़ाई के संबंध में हुए सारे निर्णय अटके हुए हैं। यहां तक कि नया सिलेबस और खेल व योग को विषय के तौर पर शामिल करने का मुद्दा भी अटक गया।
– विवि में नकल संबंधी मामलों की कमेटी व निर्णय सिण्डीकेट करती है, लेकिन विवि प्रशासन ने खुद ही कर दिए।
– निजी कॉलेजों को एक साल के लिए अस्थाई सम्बद्धता सिण्डीकेट देती है, लेकिन अब विवि प्रशासन खुद ही सम्बद्धता दे रहा है।
आरपी सिंह ने ली थी अंतिम सिण्डीकेट
विवि सिण्डीकेट की अंतिम बैठक 24 मार्च 2018 को हुई थी जो बहुत विवादस्पद रही। तत्कालीन कुलपति डॉ. आरपी सिंह ने जोधपुर आई तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बैठक रोकने के आदेश के बावजूद सिण्डीकेट करके पांच शिक्षकों की नियुक्ति के लिफाफे खोल दिए। साथ ही जून 2017 से लेकर मार्च 2018 की सिण्डीकेट बैठकों के मिनट्स भी इसी सिण्डीकेट में एक मिनट में पारित कर दिए गए।
सरकार ने रोक रखी है सिण्डीकेट
हमने सिण्डीकेट बैठक का एजेण्डा बनाकर उच्च शिक्षा विभाग को भेजा, लेकिन उन्होंने बैठक स्थगित करने के निर्देश दिए। इसलिए सिण्डीकेट नहीं हुई। अब लोकसभा चुनाव के बाद ही सिण्डीकेट की उम्मीद है।
– प्रो. गुलाब सिंह चौहान, कुलपति, जेएनवीयू जोधपुर

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