– सरकार ने विवि के शिक्षकों को सातवां वेतनमान दे दिया। यहां तक की ग्रांट भी आ गई, लेकिन सिण्डीकेट से अनुमति लेने की अनिवार्यता में यह अटका हुआ है।
– विवि की एकेडमिक कॉन्सिल ,रिसर्च बोर्ड में छात्रों की पढ़ाई के संबंध में हुए सारे निर्णय अटके हुए हैं। यहां तक कि नया सिलेबस और खेल व योग को विषय के तौर पर शामिल करने का मुद्दा भी अटक गया।
– विवि में नकल संबंधी मामलों की कमेटी व निर्णय सिण्डीकेट करती है, लेकिन विवि प्रशासन ने खुद ही कर दिए।
– निजी कॉलेजों को एक साल के लिए अस्थाई सम्बद्धता सिण्डीकेट देती है, लेकिन अब विवि प्रशासन खुद ही सम्बद्धता दे रहा है।
विवि सिण्डीकेट की अंतिम बैठक 24 मार्च 2018 को हुई थी जो बहुत विवादस्पद रही। तत्कालीन कुलपति डॉ. आरपी सिंह ने जोधपुर आई तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बैठक रोकने के आदेश के बावजूद सिण्डीकेट करके पांच शिक्षकों की नियुक्ति के लिफाफे खोल दिए। साथ ही जून 2017 से लेकर मार्च 2018 की सिण्डीकेट बैठकों के मिनट्स भी इसी सिण्डीकेट में एक मिनट में पारित कर दिए गए।
हमने सिण्डीकेट बैठक का एजेण्डा बनाकर उच्च शिक्षा विभाग को भेजा, लेकिन उन्होंने बैठक स्थगित करने के निर्देश दिए। इसलिए सिण्डीकेट नहीं हुई। अब लोकसभा चुनाव के बाद ही सिण्डीकेट की उम्मीद है।