दरअसल, महामंदिर निवासी जयंतीलाल के गुर्दे खराब हैं। 5वीं चौपासनी रोड स्थित निजी अस्पताल में सप्ताह में दो बार डायलिसिस होती है। परिचित ऑटो चालक सेवा के लिए जयंतीलाल को डायलिसिस कराने बुधवार दोपहर अस्पताल के लिए रवाना हुआ। मरीज की पत्नी भी साथ थी। लॉक डाउन की पालना में तैनात पुलिस ने रास्ते में ऑटो रिक्शा रोका और चालान बना दिया। दस्तावेज जमा कराकर ऑटो चालक मरीज को लेकर अस्पताल निकल गया। शनिश्चरजी का थान के पास पुलिस ने फिर ऑटो रोक लिया। चालक, मरीज व उनकी पत्नी डायलिसिस कराने के लिए अस्पताल की पर्ची दिखाकर छोडऩे की गुहार लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने एक नहीं सुनीं। चालक ने पुलिस से कहा कि वह किराए की बजाय सेवा के लिए मरीज को अस्पताल ले जा रहा है। फिर भी पुलिस ने उसका चालान बना दिया। दस्तावेज पहले वाले चालान की एवज में जमा थे। इसलिए इस बार पुलिस ने ऑटो रिक्शा जब्त कर कन्ट्रोल रूम भेज दिया।
कांग्रेस नेता व समाजसेवी इकबाल खान ने पेड़ की छांव में परेशान बैठे जयंतीलाल से कारण पूछा तो उन्होंने पूरी बात बताई। खान ने पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) राजेश कुमार मीना से दूरभाष पर बात कर आपातकालीन सेवा के लिए ऑटो को अनुमत करने का आग्रह किया।
कांग्रेस नेता व समाजसेवी इकबाल खान ने पेड़ की छांव में परेशान बैठे जयंतीलाल से कारण पूछा तो उन्होंने पूरी बात बताई। खान ने पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय व यातायात) राजेश कुमार मीना से दूरभाष पर बात कर आपातकालीन सेवा के लिए ऑटो को अनुमत करने का आग्रह किया।