scriptदस साल पहले एक रुपया भी कर्ज नहीं था, फिर जाल में फंसा | Ten years ago, not a single rupee was a loan, then trapped in a trap | Patrika News

दस साल पहले एक रुपया भी कर्ज नहीं था, फिर जाल में फंसा

locationजोधपुरPublished: Jul 05, 2020 12:43:00 am

Submitted by:

Vikas Choudhary

– सूदखोरों के जाल में फंसकर दम्पती व पुत्र की आत्महत्या का मामला

दस साल पहले एक रुपया भी कर्ज नहीं था, फिर जाल में फंसा

दस साल पहले एक रुपया भी कर्ज नहीं था, फिर जाल में फंसा

जोधपुर.
चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानान्तर्गत शंकर नगर में दम्पती व पुत्र की आत्महत्या के पीछे लॉक डाउन से बिगड़े आर्थिक हालात भी बड़ा कारण रहा। मृतक ने चार-पांच लोगों से कर्ज ले रखा था। वह किसी कम्पनी के लिए हैण्डीक्राफ्ट सामान बनाने का जॉब करके न सिर्फ परिवार चला रहा था, बल्कि लॉक डाउन के पहले तक कर्जा देने वाले सभी को पूरा ब्याज भी दे रहा था, लेकिन लॉक डाउन में काम-काज न होने से उसकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और उसने परिवार सहित जान दे दी थी। पुलिस के सुसाइड नोट की जांच और अब तक के पड़ताल में यह सामने आया।
पुलिस ने बताया कि मूलत: हीरादेसर हाल शंकर नगर सेक्टर डी निवासी राजेन्द्र सुथार, उसकी पत्नी इन्द्रा व पुत्र नीतिन के शवों की कोविड-१९ जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर शनिवार को पोस्टमार्टम कराया गया। शव परिजन को सौंपे गए।
सुसाइड नोट : जीना मुश्किल किया
घटनास्थल पर पुलिस को मृतक राजेन्द्र की ओर से टूटी-फूटी हिन्दी में लिखा सुसाइड नोट मिला। जिसमें लिखा, ‘मेरा बेटा मरा, साथ में दो। मैं मेरी मर्जी से यह काम कर रहा हूं। इसकी पूरी जिम्मेदारी इस आदमी की है। उसी का काम है। दस साल पहले जब इस आदमी के काम पर आया तब एक रुपए भी कर्ज नहीं था। इसके बाद जाल में फंसता गया। कम्पनी में काम करने वाला देवकिशन ने कर्ज में फंसाया। वह फंसता गया। इस आदमी ने मेरा जीना मुश्किल कर दिया।Ó सुसाइड नोट में देवकिशन के अलावा, पूजा, प्रकाशपुरी, प्रदीप व बोस के नाम व मोबाइल नम्बर लिखे हैं। मृतक के भाई ने इनके खिलाफ ही आत्महत्या को दुष्प्रेरित करने का मामला दर्ज कराया। जांच की जा रही है।
डायरियों में मिला जॉब वर्क का हिसाब
सहायक पुलिस आयुक्त (प्रतापनगर) नीरज शर्मा ने बताया कि मृतक राजेन्द्र किसी फैक्ट्री के लिए हैण्डीक्राफ्ट या लकड़ी के सामान बनाने का जॉब वर्क करता था। इसके लिए कम्पनी ने कई तरह की शर्तें रखी हुई थी। मौके पर कुछ डायरियां मिली हैं। जिनमें काम का हिसाब-किताब व शर्तों का उल्लेख है। इनकी जांच की जा रही है।
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