लॉकडाउन की वजह से मजदूरों का बड़ी संख्या में पलायन हो गया है। लॉकडाउन के बाद कई इकाइयों को पुन:स्थापित होने में समय लगेगा। ऐसे में उद्यमियों को बैंकों की किश्तें चुकानी भारी पड़ेगी, उनको डिफॉल्टर होने का भी खतरा है। इससे कई इकाइयों के बंद होने का भी अंदेशा है।
जोधपुर के हैंडीक्राफ्ट निर्यात उद्योग के बाद उभरने वाला उद्योग टेक्सटाइल माना जाता है। यहां देश के प्रमुख कपड़ा उत्पादक क्षेत्रों से कच्चा माल आता है। जिसके बाद यहां रंगाई, छपाई व धुलाई की जाती है। धीरे-धीरे यह उद्योग गति पकड़ रहा है। हैंडीक्राफ्ट के बाद सबसे ज्यादा इकाइयां टेक्सटाइल उद्योग की है।
– 300 टेक्सटाइल इकाइयां शहर में
– 5 लाख मीटर उत्पादन प्रतिदिन करीब
– 20 हजार लेबर जुड़ी उद्योग से
– रंगाई छपाई धुलाई का काम होता है इकाइयों में उद्यमी बोले, पूरा साल उद्योगों के लिए खराब
मंदी, एनजीटी का डंडा और अब लॉक डाउन से टेक्सटाइल उद्योग के लिए पूरा साल खराब हो गया है। लॉकडाउन के बाद भी करीब तीन-चार माह उद्योग को सही तरह से शुरू होने में लगेगा। लॉकडाउन के बाद सरकार से सहयोग की उम्मीद है।
-अशोक बाहेती, अध्यक्ष, जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
-ज्ञानीराम मालू, अध्यक्ष, मरुधरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
-मनोहर खत्री, कोषाध्यक्ष, जोधपुर प्रदूषण नियंत्रण ट्रस्ट
-वरुण धनाडिय़ा, युवा उद्यमी