script.धवल चांदनी से आलोकित मंदिरों में ठाकुरजी का हुआ शरद शृंगार | Thakurji's Sharad adornment in temples illuminated by Dhawal Chandni | Patrika News

.धवल चांदनी से आलोकित मंदिरों में ठाकुरजी का हुआ शरद शृंगार

locationजोधपुरPublished: Oct 30, 2020 08:55:03 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

रोशनी में नहाई सूर्य नगरी

.धवल चांदनी से आलोकित मंदिरों में ठाकुरजी का हुआ शरद शृंगार

शरद पूर्णिमा की रात मसूरिया पहाड़ी से लिया गया विहंगम दृश्य…फोटो मनोज सैन

जोधपुर. शरद पूर्णिमा को धवल चांदनी में आलोकित कृष्ण मंदिरों में शुक्रवार को शरद पूर्णिमा उत्सव पुजारियों की ओर से मनाया गया। मंदिरों में ठाकुरजी के चल विग्रह को मंदिर परिसर में विराजित करने के बाद खीर का भोग लगाकर संकीर्तन किया गया। सोलह कलाओं से परिपूर्ण चन्द्रमा की आयुष्मान किरणों का सेवन करने के लिए घरों की छतों पर गाय के दूध से बनी खीर व ऋतुफलों को रखने के बाद देर रात सेवन किया गया। यह क्रम शनिवार को भी दोहराया जाएगा। कटला बाजार स्थित कुंज बिहारी मंदिर, जूनी धान मंडी स्थित गंगश्यामजी, रातानाडा स्थित कृष्ण मंदिर में शरद शृंगार किया गया।
इस बार दो दिवसीय उत्सव

पुष्टीमार्गीय मंदिरों में शरदपूर्णिमा शुक्रवार को मनाई गई। कोरोना महामारी के कारण मंदिरों में भक्तों का प्रवेश वर्जित रहा। ज्योतिषियों के अनुसार शरद पूर्णिमा तिथि 31 अक्टूबर को रात्रि 8.18 बजे तक होने से इस बार शरद पूर्णिमा व्रत शनिवार को होगा। क्योंकि व्रत में किए जाने वाले लक्ष्मी पूजन का काल प्रदोषकाल होना कारण बताया गया है। शनिवार को पूर्णिमा चन्द्रोदय व्यापिनी भी है ।
खरीदारी के लिए श्रेष्ठ
शरद पूर्णिमा को चंद्रमा की शीतल चांदनी में चावल और गाय के दूध से निर्मित खीर रात में और सुबह सेवन से श्वांस व दमा के रोगियों के लिए फायदेमंद मानी गई है। शरदपूर्णिमा को सिद्धियोग होने से भूमि, भवन, वाहन, आभूषण सहित सभी तरह की गृहउपयोगी चीजों की खरीदारी की जा सकती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो