
बावड़ी का प्राचीन शिव मंदिर।
लवेरा बावड़ी (जोधपुर). कस्बे के बस स्टैण्ड के पीछे खांडी नाडी के पास प्राचीन शिव मंदिर जीर्ण शीर्ण अवस्था में खण्डहर हो रहा है। पांच सौ वर्ष से अधिक पुराना मंदिर आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है।
मंदिर के मुख्य द्वार के साथ ही छज्जे, गुंबद और प्रवेश द्वार टूटे हुए हैं। पास ही बनी छतरियां भी जीर्ण-शीर्ण हैं। मंदिर में आना-जाना किसी खतरे से कम नहीं है। श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए जाते हैं तो खतरा बना रहता है।
चमत्कारी है मंदिर
ग्रामीण बताते हैं। करीब दस वर्ष पहले महाशिवरात्रि से एक दिन पहले भगवान भोलेनाथ की मूर्ति चोर चुरा कर ले गए। ग्रामीण चिंतित हो गए कि अब बिना भगवान की मूर्ति के वे महाशिवरात्रि कैसे मनाएंगे। भोलेनाथ का ऐसा चमत्कार हुआ की चोर रात में ही तालाब में मूर्तियां रख कर चले गए। अगले ही दिन मूर्ति मिल जाने को ग्रामीणों ने भोलेनाथ का चमत्कार बताया।
मंदिर जगह जगह से टूटा फिर भी आस्था
शिव मंदिर जगह-जगह से क्षतिग्रस्त होने के बावजूद श्रद्धालुओं में इस मंदिर के प्रति अटूट आस्था है। वे बिना किसी डर के दर्शन के लिए जाते हैं। ग्रामीण कचरूराम टाक ने बताया कि मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग जोधपुर को कई बार अवगत करवाया परन्तु कोई सुनवाई नहीं हुई।
इनका कहना है
अति प्राचीन शिव मंदिर की मरम्मत के सम्बंध में संयुक्त सचिव जेके एम और मुख्यमंत्री कार्यालय को लिखा गया है।
-कचरूराम माली, अध्यक्ष, माली समाज, बावड़ी (जोधपुर)
शिव मंदिर बावड़ी पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग राजस्थान के सरंक्षित स्मारकों की सूची में शामिल है तथा सरंक्षित स्मारक के अनुरक्षण, मरम्मत एवं जीर्णोद्धार कार्य के लिए मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2020-21 में बजट का प्रावधान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा बजट जारी करने पर सरंक्षित स्मारक शिव मंदिर बावड़ी में जीणोद्धार कार्य शुरू करवाया जाना अपेक्षित है।
-महिपाल कुमार, अपर जिला कलक्टर-द्वितीय एवं प्रभारी अधिकारी मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ जोधपुर।
Published on:
07 Oct 2020 03:34 pm
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