वन अपराधों को रोकने के लिए वन सुरक्षा चौकियों और वन नाकों पर ना तो भारत सरकार की गाइड लाइन अनुसार भवन है और ना ही सक्षम स्टाफ है। वन चौकियों में सुधार व मरम्मत कार्य भी दशकों से बंद है। जहां नई चौकियां बनी वहां स्टाफ तैनात नहीं है। जो वन चौकियां तीन दशक पूर्व तक शहर से बाहर गिनी जाती थी वो अब शहरी सीमा में आने के बाद अधिकांश पर कब्जे हो चुके है। वनविभाग की कार्य प्रकृति शहर की प्रवेश सीमा पर होती है वहां वन चौकियां नदारद है।