scriptवन विभाग की चौकियां अपनी ही जमीन बचाने में नाकाम | The Forest Department's checkpoints failed to save its own land | Patrika News

वन विभाग की चौकियां अपनी ही जमीन बचाने में नाकाम

locationजोधपुरPublished: Feb 28, 2021 07:53:37 pm

वन भूमि पर अवैध खनन, अतिक्रमण व लकड़ी की तस्करी की रोकथाम के लिए बनी थी वन चौकियां

जोधपुर. वन और वनक्षेत्रों में हो रहे अंधाधुंध अतिक्रमण रोकने में वनविभाग की चौकियां भी नाकारा साबित हो रही हैं। जिले के नौ रेंज में वनभूमि पर अवैध खनन, अतिक्रमण चराई, अवैध आरा मशीनों के संचालन की रोकथाम और लकड़ी की तस्करी जैसे वन अपराधों को वन चौकियां स्थापित की गई थी। जमीनी स्तर पर वनविभाग के मुख्य प्रशासनिक केन्द्र माने जाने वन चौकियों में तैनात स्टाफ की गतिविधियों और कार्य प्रणाली के बारे में मॉनिटरिंग करने वाला तक कोई नहीं है।
वन अपराधों को रोकने के लिए वन सुरक्षा चौकियों और वन नाकों पर ना तो भारत सरकार की गाइड लाइन अनुसार भवन है और ना ही सक्षम स्टाफ है। वन चौकियों में सुधार व मरम्मत कार्य भी दशकों से बंद है। जहां नई चौकियां बनी वहां स्टाफ तैनात नहीं है। जो वन चौकियां तीन दशक पूर्व तक शहर से बाहर गिनी जाती थी वो अब शहरी सीमा में आने के बाद अधिकांश पर कब्जे हो चुके है। वनविभाग की कार्य प्रकृति शहर की प्रवेश सीमा पर होती है वहां वन चौकियां नदारद है।
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