scriptहर साल बारिश शुरू होते ही तोड़ दी जाती है जोधपुर की ऐतिहासिक नहर | The historic canal of Jodhpur is broken as soon as the rains start eve | Patrika News

हर साल बारिश शुरू होते ही तोड़ दी जाती है जोधपुर की ऐतिहासिक नहर

locationजोधपुरPublished: Jul 10, 2020 07:58:35 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

जोधपुर की 11 किमी लंबी ऐतिहासिक बालसमंद फीडर केनाल को सुरक्षा की दरकार

हर साल बारिश शुरू होते ही तोड़ दी जाती है जोधपुर की ऐतिहासिक नहर

हर साल बारिश शुरू होते ही तोड़ दी जाती है जोधपुर की ऐतिहासिक नहर

जोधपुर. मंडोर क्षेत्र के दईजर की पहाडिय़ों व बेरीगंगा वन क्षेत्र से गुजरने वाली करीब 11 किमी विशाल ऐतिहासिक बालसमंद फीडर हर साल मरम्मत होने के बावजूद मानसून सक्रिय होते ही तोड़ दी जाती है। फीडर केनाल जगह जगह से क्षतिग्रस्त होने के कारण समूचा जलग्रहण क्षेत्र बाधित हो जाता है नतीजन जोधपुर नागौर रोड सहित कई प्रमुख सड़कों पर बारिश का पानी एकत्र होने से यातायात कई दिनों तक बाधित रहता है। केनाल के चैनल 67 की दीवार जगह जगह से क्षतिग्रस्त होने से बारिश के पानी का वेग पहाडिय़ों से उतर कर जोधपुर नागौर रोड तक पहुंचता है। करीब छह साल पहले 9 सितम्बर 2014 को बारिश के दौरान सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक एमएस चौहान की कार भी क्षतिग्रस्थत फीडर से पानी के तेज बहाव में फस गई थी जिन्हें एक घंटे की मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाला गया था।

मंडोर के आसपास के कुओं की जलक्षमता बढ़ाती है नहर
बालसमंद पैलेस के मुख्य अभियंता पीके पुरोहित ने बताया कि करीब 4 फीट ऊंचाई वाली फीडर नहर दईजर की पहाड़ी स्थित जोगी तीर्थ से प्रारंभ होकर साहेबराम बांध, बेरीगंगा, निम्बा निंबड़ी, पंचकुण्ड, ब्राह्मणों का टांका होते हुए बालसमंद झील तक पहुंचती है। झील में पानी आने के बाद ही मंडोर के आसपास के कुओं में भी जलक्षमता बढ़ती है। लेकिन कुछ तथाकथित लोग पिछले कई सालों से बारिश शुरू होते ही नहर को जगह जगह से क्षतिग्रस्त कर देते है। इस साल भी जगह जगह से नहर तोड़ी गई है। बालसमंद पैलेस के सहायक सुरक्षा अधिकारी नवगुणसिंह ने पुलिस अधीक्षक से बेरीगंगा नहर को मानसून सीजन में क्षतिग्रस्त करने वाले शरारती लोगों के खिलाफ लिखित शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है। पर्यावरण प्रेमी रामजी व्यास का कहना है कि बेरी गंगा वन क्षेत्र में लगातार अवैध खनन के चलते खनन क्षेत्र में बरसाती पानी का जमावड़ा ना हो इसके लिए प्राचीन नहर को जगह-जगह से क्षतिग्रस्त कर दिया जाता है।
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