scriptमंडोर में देवताओं की साळ तैयार, अब भक्तों का इंतजार | The idol of the gods is ready in Mandore, now waiting for the devotees | Patrika News

मंडोर में देवताओं की साळ तैयार, अब भक्तों का इंतजार

locationजोधपुरPublished: Jul 11, 2021 12:05:15 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

मंडोर देवताओं की साळ जीर्णोद्धार के बाद पारदर्शी कांच लगाने का कार्य पूरा
विभागों के आपसी समन्वय के अभाव में दर्शनार्थियों को देखने की अनुमति नहीं

मंडोर में देवताओं की साळ तैयार, अब भक्तों का इंतजार

मंडोर में देवताओं की साळ तैयार, अब भक्तों का इंतजार

NAND KISHORE SARASWAT

जोधपुर. ऐतिहासिक मंडोर उद्यान में स्थित देवताओं की साळ में मारवाड़ के वीरों, लोकदेवता और विभिन्न देवी देवताओं की विशालकाय प्रतिमाओं के समूह को भक्तों और दर्शनार्थियों का इंतजार है। राज्य सरकार की ओर से बजट घोषणा के अनुरूप देवताओं की साळ के जर्जर छज्जे, सुरक्षा दीवार और प्रतिमाओं का जीर्णोद्धार कर नया स्वरूप प्रदान करने के बाद मूर्तियों की सुरक्षा के लिए पारदर्शी कांच (टफन ग्लास ) लगाने का कार्य भी पूरा हो चुका है। लेकिन विभागों के आपसी समन्वय नहीं होने के कारण मंडोर उद्यान में शाम 4 बजे तक पर्यटकों के प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। जबकि राज्य सरकार ने अनलॉक-3 की गाइडलाइन में स्पष्ट रूप से संग्रहालय और मंदिर के दर्शन की अनुमति दे रखी है। पुरातत्व विभाग के अधिकारी पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से गुहार लगाकर थक चुके है लेकिन मंडोर उद्यान के प्रवेश द्वार पर लगे ताले नहीं खोले जा रहे है। नतीजन प्रतिदिन मंडोर देखने आ रहे पर्यटकों के निराश लौटने के साथ साथ आसपास के दुकानदारों का व्यवसाय भी चौपट होता जा रहा है।
मारवाड़वासियों की श्रद्धा का केन्द्र जोधपुर के महाराजा अजीतसिंह और महाराजा अभयसिंह के शासनकाल में सन 1707 से 1749 के मध्य निर्मित मूर्तियों में 7 देवताओं और 9 मारवाड़ के वीर पुरूषों की करीब पंद्रह फ ीट ऊंची मूर्तियां मारवाड़वासियों की श्रद्धा का केन्द्र भी है। देवताओं और वीरों की प्रतिमाएं सीलन के कारण क्षतिग्रस्त होने के बाद उनका जीर्णोद्धार किया गया था। देवताओं की साळ में राठौड़ों की इष्ट देवी और परिहारों (ईंदों) की कुलदेवी मां चामुण्डा, महिषासुरमर्दिनी, गुंसाई सम्प्रदाय के महात्मा गुंसाईजी, रावल मल्लीनाथ, पाबूजी राठौड़, लोकदेवता बाबा रामदेव, हड़बूजी, मेहाजी, गोगाजी, ब्रह्माजी, सूर्यदेव, रामचंद्र, कृष्ण, महादेव, जलंधरनाथजी, गणेश की प्रतिमाएं प्रमुख है।
देवताओं की साळ में टफन ग्लास लगाने का कार्य पूर्ण देवताओं की साळ परिसर में पक्षियों के प्रवेश और मिट्टी का प्रवेश रोकने के लिए करीब 20 एमएम का कांच तथा लाइटें लगाने का कार्य पूरा हो चुका है। संग्रहालय प्रतिदिन सुबह 9.30 से शाम 5 बजे तक नियमित रूप से खोला जा रहा है लेकिन उद्यान के प्रवेश द्वार शाम चार बजे तक बंद होने के कारण पर्यटक अंदर नहीं आ पा रहे है। हमने कई बार मौखिक और लिखित रूप से पीडब्ल्डयूडी अधिकारियों उद्यान अधीक्षक से वार्ता भी की और कई पत्र भी लिखे लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है। – इमरान अली, अधीक्षक, पुरातत्व विभाग जोधपुर वृत्त

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