राजनीतिक रंग लिया- पेयजल समस्या के लिए हो रहे प्रदर्शन के दौरान इस मामले ने उस समय राजनीतिक रंग ले लिया, जब कुछ लोग शेरगढ़ विधायक बाबू सिंह राठौड़ के खिलाफ भी नारेबाजी करने लगे। इस पर भड़के विधायक के समर्थकों ने विधायक के पक्ष में नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी देर में इन्हें तो शांत करवा लिया गया मगर जब विधायक पहुंचे तो उनको समर्थकों व विरोधियों ने फिर एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने पानी का मामला हवाला देकर नारेबाजी कर रहे लोगों को शांत करवाया। गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व भी कानेरी गांव में विधायक बाबूसिंह राठौड़ का विरोध किया था। उस समय शिलान्यास कार्यक्रम में रखी शिलापट्टिका को भी लोगों ने तोड़ दिया था। इस मामले में पुलिस थाने में भी मामला दर्ज करवाया गया था।
इनका कहना है- जलापूर्ति समस्या को लेकर सात दिन का समय दिया गया है अधिकारियों को। अगर समाधान नहीं हुआ तो मैं खुद इन लोगों का समर्थन कर जिला मुख्यालय पर रैली करूंगा। पानी का मुद्दा था कोई राजनीतिक बात नहीं थी। मैंने गाड़ी बाहर खड़ी की। कांच फोड़ दिए गए। पुलिस को कार्रवाई करनी है।
– बाबूसिंह राठौड़, विधायक शेरगढ़।