उदित तिथि अनुसार कार्तिक मास शुरू
पूर्णिमा की गणना से 20 अक्टूबर को शाम में कार्तिक प्रतिपदा तिथि शुरू हो चुकी है लेकिन उदित तिथि के हिसाब से 21 अक्टूबर से कार्तिक का महीना शुरू हुआ है। जबकि संक्रांति के हिसाब से 17 अक्टूबर से ही कार्तिक का महीना लग चुका है। इस महीने में श्रीहरि की पूजा करना और उनको सबसे प्रिय तुलसी की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है। कार्तिक मास में सुबह जल्दी उठकर स्नान और विष्णु पूजन से शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूरी होती है। कार्तिक महीने में भगवान की प्रिय तुलसी की पूजा करना शुभ माना जाता है। कार्तिक महीने में पूरे महीने तुलसी के नीचे दीपक जलाने से आपके घर में धन वृद्धि होती है। मान्यता है कि इस महीने में तुलसी माता और शालिग्राम का विवाह करने से पारिवारिक सस्मयाएं और मन के सभी विकार दूर होने में मदद मिलती हैं।
पूर्णिमा की गणना से 20 अक्टूबर को शाम में कार्तिक प्रतिपदा तिथि शुरू हो चुकी है लेकिन उदित तिथि के हिसाब से 21 अक्टूबर से कार्तिक का महीना शुरू हुआ है। जबकि संक्रांति के हिसाब से 17 अक्टूबर से ही कार्तिक का महीना लग चुका है। इस महीने में श्रीहरि की पूजा करना और उनको सबसे प्रिय तुलसी की पूजा करना सबसे उत्तम माना जाता है। कार्तिक मास में सुबह जल्दी उठकर स्नान और विष्णु पूजन से शुभ परिणाम की प्राप्ति होती है और हर मनोकामना पूरी होती है। कार्तिक महीने में भगवान की प्रिय तुलसी की पूजा करना शुभ माना जाता है। कार्तिक महीने में पूरे महीने तुलसी के नीचे दीपक जलाने से आपके घर में धन वृद्धि होती है। मान्यता है कि इस महीने में तुलसी माता और शालिग्राम का विवाह करने से पारिवारिक सस्मयाएं और मन के सभी विकार दूर होने में मदद मिलती हैं।
बदल गई ठाकुरजी की दिनचर्या शहर के ठाकुरजी के मंदिरों में कार्तिक मास शुरू होते ही ठाकुरजी की दिनचर्या भी बदल गई है। कटला बाजार स्थित कुंज बिहारी मंदिर के महंत भंवरदास निरंजनी ने बताया कि सुबह मंगला, राजभोग व शयन समय में आधे घंटे का परिवर्तन किया गया है।