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RTO Inspector संदेह के दायरे में, इसलिए पकड़ में आए सिर्फ क्लर्क व दलाल…

- पांच हजार रुपए रिश्वत लेने के आरोपी कनिष्ठ सहायक व मध्यस्थ को जेल भेजा

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ACB trap RTO office

जोधपुर.

पीपाड़ शहर में जिला परिवहन अधिकारी डीटीओ कार्यालय में पांच हजार रुपए रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार कनिष्ठ सहायक व यातायात सलाहकार को बुधवार को न्यायिक अभिरक्षा में भिजवा दिया गया। उधर, डीटीओ का कार्यभार संभाल रहे परिवहन निरीक्षक की भूमिका संदेह के दायरे में है। एसीबी में दर्ज एफआइआर में उसके नाम पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया गया है।

ब्यूरो के निरीक्षक मनीष वैष्णव ने बताया कि प्रकरण में गिरफ्तार नागौर जिले के कुड़ाया गांव निवासी कनिष्ठ सहायक सुरेन्द्र कुमार भादू व मगरापूंजला निवासी यातायात सलाहकार रोशन पंवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए गए। रियां सेठों की गांव निवासी यातायात सलाहकार करणीसिंह की ओर से पेश परिवाद के आधार पर एफआइआर दर्ज की गई है।

एफआइआर दर्ज होने के बाद होगी भूमिका की जांच

वाहन के पंजीयन संबंधी पत्रावली पास करने की एवज में यातायात सलाहकार करणीसिंह से प्रति पत्रावली 35 सौ रुपए के हिसाब से पांच हजार रुपए रिश्वत मांगी गई थी। आरोप है कि डीटीओ कार्यालय के कनिष्ठ सहायक सुरेन्द्र कुमार भादू ने डीटीओ का अतिरिक्त कार्य संभाल रहे निरीक्षक सुशील कुमार उपाध्याय और खुद के लिए रिश्वत मांगी थी। मंगलवार को परिवादी डीटीओ कार्यालय पहुंचा तो कनिष्ठ सहायक ने रिश्वत राशि यातायात सलाहकार रोशन पंवार को दिलवाई थी। एसीबी ने दबिश देकर मध्यस्थ रोशन पंवार और पास में मौजूद कनिष्ठ सहायक सुरेन्द्र को गिरफ्तार किया था। जिससे वहां हड़कम्प मच गया था। चूंकि कनिष्ठ सहायक ने परिवहन निरीक्षक के नाम पर रिश्वत मांगी थी, इसलिए एसीबी को सत्यापन के लिए कनिष्ठ सहायक की परिवहन निरीक्षक से मोबाइल पर बात करवानी थी, लेकिन कार्रवाई के दौरान निरीक्षक कार्यालय में ही मौजूद थे। इसलिए दोनों की बात नहीं करवाई जा सकी। अब एफआइआर दर्ज होने के बाद उसकी भूमिका की जांच की जाएगी।