— नियमों से परेशान किसान राजफेड द्वारा पंजीयन शुरू होने के आए दिन निकल रहे नए नियमों से किसान दुविधा में है। बटाईदार के रूप में पंजीयन करवाने वाले किसानों को राजफेड द्वारा 19 मार्च को जारी आदेशानुसार अब जनवरी से नवम्बर 2018 के बीच स्टाम्प होना अनिवार्य किया गया। ऐसे में जिले के हजारों किसान पंजीयन नहीं करवा पाएंगे, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र में ईजायरा लेते समय केवल मौखिक या सादे कागज पर ही लिखापढी की जाती है। इस कारण उस समय कोई भी किसान स्टाम्प नहीं खरीदता है। वहीं, राजस्व विभाग की ओर से भी मेपिंग नहीं करने के कारण किसान खरीद केन्द्र का चयन नहीं कर पा रहे है।
—– अपर्याप्त पंजीयन क्षमतासमर्थन मूल्य पर खरीद के लिए अपर्याप्त पंजीयन क्षमता से हजारों किसान पंजीयन से वंचित है। पंजीयन के लिए बायोमेट्रिक, भौगोलिक रूप से असुविधाजनक केन्द्र पर पंजीयन किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है । संगठन द्वारा जिला मुख्याल्य पर विरोध प्रदर्शन का निर्णय किया गया है।
तुलछाराम सिंवर, आंदोलन व प्रचार प्रमुख भारतीय किसान संघ, जोधपुर —- भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार प्रत्येक जिले में फसल की कुल उत्पादन का 25 प्रतिशत ही समर्थन मूल्य के लिए पंजीयन का लक्ष्य रखा गया है।
बीएस शेखावत, क्षेत्रीय अधिकारी राजफेड, जोधपुर। —