संस्थान की अध्यक्ष निशा राठौड़ बचपन से ही कुछ अलग व चुनौतीपूर्ण कार्य करने की ओर प्रेरित होती रही। उन्होंने 9 मई 2017 को स्वयंसेवी संस्थान के रूप में कैवल्य सेवा संस्थान का पंजीयन करवाया। जोधपुर सेन्ट्रल जेल में सबसे पहले महिला बंदियों के साथ राखी उत्सव मनाकर अधिकारिक शुरूआत की गई। इसकी सफलता से सामाजिक कार्य करने का साहस मिलता गया।
संस्थान की ओर से अब तक शहीद वीरांगनाओं, दिव्यांग कलाकारों को सम्मानित, सैनिकों और महिला अधिकारियों व कर्मचारियों का सम्मान किया जा चुका है। सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को गणवेश व खेल सामग्री का वितरण भी किया गया। कच्ची बस्तियों में निर्धन परिवारों को दीपावली पर भोजन वितरण भी किया जाता है।
युवक के गंभीर इलाज में परिवाद की मदद की
हाल ही में एक मध्यमवर्गीय परिवार का इकलौता युवा पुत्र गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया। वह बिना सहारे खड़े नहीं हो पा रहा था। जांच के बाद चिकित्सकों ने तीन महीने तक 12 इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता जताई थी। एक इंजेक्शन की कीमत 8200 रुपए थी। परिजन के लिए इतनी बड़ी राशि वहन करना मुश्किल हो रहा था। संस्थान के सदस्यों ने मिलकर आर्थिक सहयोग कर युवक के लिए इंजेक्शन की व्यवस्था कराई। अब उसके स्वास्थ्य में काफी सुधार है।
हाल ही में एक मध्यमवर्गीय परिवार का इकलौता युवा पुत्र गंभीर बीमारी से ग्रसित हो गया। वह बिना सहारे खड़े नहीं हो पा रहा था। जांच के बाद चिकित्सकों ने तीन महीने तक 12 इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता जताई थी। एक इंजेक्शन की कीमत 8200 रुपए थी। परिजन के लिए इतनी बड़ी राशि वहन करना मुश्किल हो रहा था। संस्थान के सदस्यों ने मिलकर आर्थिक सहयोग कर युवक के लिए इंजेक्शन की व्यवस्था कराई। अब उसके स्वास्थ्य में काफी सुधार है।