मुक्ताकाश मंच पर आशा भोंसले ने फिल्म उमराव जान में सुल्तान खां के सारंगी वादन को याद करते हुए अपनी खनकती आवाज में ‘इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हजारों…’ गीत का माधुर्य बिखेरा तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो उठे। आशा ने कहा कि जब सारंगीवादक रामनारायण का स्वास्थ्य खराब हुआ तो रिर्काडिंग के दौरान परेशानी हुई। तब एक दुबला पतला सा युवक सारंगीवादक के रूप में पहुंचा जिसका नाम सुल्तान खां था। आशा ने कहा यहां आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। यहां के महल और किला सचमुच लाजवाब हैं। मैंने यहां पर फोटो भी खींचे हैं। मुझे यहां कार्यक्रम प्रस्तुत करने के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। श्रोताओं ने जब आशा से गाने की फरमाइश की तो कहा ‘मैं यहां गाने नहीं सिर्फ अवार्ड लेने आई हूं। यदि जोधपुरवासी आशा के गीत सुनना चाहते हैं तो अलग से कार्यक्रम आयोजित करें।’ उस्ताद सुल्तान खां मेमोरियल कंसर्ट का आगाज उस्ताद सुलतान खां के भतीजे इमरान खान के सूफी फोक बैण्ड इमरान खां एण्ड फ्रैन्ड्स की प्रस्तुति से किया गया। गुलाबी ठंडक में कार्यक्रम के दौरान तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच मशहूर बॉलीवुड अरेंजर नितिन शंकर, गायिका मनीषा जम्बोटकर व नीता जाधव ने ट्रिब्यूट टू आशा भोंसले कार्यक्रम में आशा भोंसले के सदाबहार हिट गीत प्रस्तुत किए। उस्ताद सुल्तान खां के भाई उस्ताद नियाज खां व इन रूम रिकॉड्र्स के निदेशक इमरान खान ने आशा भोंसले, मुंबई से आए संगीत कलाकारों व अतिथियों का स्वागत किया।