इस साल भगवान विष्णु 118 दिन योग निद्रा में रहेंगे। पिछले साल पुरुषोत्तम मास होने से भगवान विष्णु ने 148 दिन क्षीरसागर में शयन किया था। इस बार वे 20 जुलाई से 14 नवंबर तक योग निद्रा की अवस्था में रहेंगे। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस अवधि में सृष्टि को संभालने और कामकाज संचालन का जिम्मा भगवान शिव के पास रहेगा। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान किए जा सकेंगे लेकिन विवाह, यज्ञोपवीत संस्कार, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं होंगे। श्रीहरि विष्णु के योग निद्रा के दौरान मांगलिक कार्यों में उनका आशीर्वाद प्राप्त नहीं हो पाता है। चातुर्मास के दौरान शिव आराधना का भी बहुत महत्व है। सावन का महीना भी चातुर्मास में ही आता है। इसलिए इस महीने में शिव की आराधना शुभ फल देती है। चातुर्मास की शुरुआत हिंदू कैलेंडर के आषाढ़ माह से होती है। इस बार चातुर्मास मंगलवार 20 जुलाई से शुरू होकर 15 नवम्बर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. अनीष व्यास के अनुसार इस साल देवशयनी एकादशी के दिन शुक्ल और ब्रह्म योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस योग में किए गए कार्यों में सफलता और मान सम्मान की प्राप्ति होती है। चातुर्मास में मांगलिक कार्य टालकर खरीदारी, लेन-देन, निवेश, नौकरी और बिजनेस जैसे नए कामों की शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे।