दरअसल हाल ही में प्रदेश की अफसरशाही में हुए फेरबदल में कई ऐसे अधिकारी दम्पत्तियों के पदस्थापन दूर-दूर हो गए हैं, जो पहले कुछ नजदीक के जिलों में तैनात थे। जैसे जोधपुर के नवनियुक्त जिला कलक्टर इंद्रजीत सिंह और जयपुर में संयुक्त सचिव टीएडी के पद पर तैनात उनकी आईएएस पत्नी नेहा गिरि के बीच दूरी अब करीब 200 किमी बढ़ गई है। इंद्रजीत इससे पहले अलवर कलक्टर थे, जहां से जयपुर की दूरी सिर्फ 159 किमी है, जबकि जोधपुर से 352 किमी। इसी तरह नागौर पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक को हाल ही में एसपी सीआईडी (मानवाधिकार) जयपुर के पद पर लगाया गया है तो उनकी पत्नी आईपीएस प्रीति चंद्रा को उपायुक्त जोधपुर पश्चिम से एसपी भीलवाड़ा के पद पर लगाया है। पहले दोनों के पदस्थापन स्थान नागौर और जोधपुर के बीच की दूरी महज 135 किमी थी। अब भीलवाड़ा और जयपुर के बीच आने जाने में 246 किमी का सफर तय करना होगा। यानी दोनों के बीच की दूरी 111 किमी बढ़ गई है। राजसमंद एसपी भूवन भूषण यादव की आईएएस पत्नी नम्रता वृषनी का तबादला सीईओ चित्तौडगढ़़ से रजिस्ट्रार राजस्व मंडल अजमेर के पद पर किया गया है। राजसमंद की चित्तौड़ से दूरी 103 किमी है, जबकि अजमेर से यह दूरी 204 किमी यानी दोगुनी है।
इनकी घटी दूरियां
बीकानेर कलक्टर से परियोजना निदेशक आरयूआईडीपी के पद पर लगाए गए कुमारपाल गौतम की आईपीएस पत्नी श्वेता धनखड़ को कमांडेंट हाड़ी रानी बटालियन के पद से एसपी नागौर के पद पर लगाया गया है। बीकानेर व अजमेर की दूरी जहां 265 किमी है, वहीं नागौर व जयपुर के बीच की दूरी 246 किमी है। यानी दोनों के नए पदस्थापन स्थान की दूरी करीब 19 किमी कम हो गई है। उधर, आईएएस सिद्धार्थ सिहाग को झालावाड़ से करौली कलक्टर लगाया गया है। फिलहाल अवकाश पर चल रही उनकी पत्नी आईएएस रुक्मणी रियार की तैनाती भी अभी जयपुर में ही है। यानी इनकी दूरी भी 160 किमी कम हो गई है।