जन्मदाता का तो पता नहीं लेकिन मां-बाप की कमी महसूस नहीं हुई
सोनू और बसंती ने पत्रिका को बताया कि हम दोनों बहुत खुश है। संस्थान में जन्म से आज तक जीवन बहुत ही खुशगवार बीता है और हमें यहां शिक्षा के साथ संस्कार मिले हैं। बचपन में संस्थान के संस्थापक भगवान सिंह परिहार ‘बाऊजी Óकी गोद में खेलने का अवसर मिला । हमें हमारे जन्म देने वाले माता पिता का तो पता नहीं लेकिन ‘बाऊजी Óऔर राजेन्द्र भैया-शोभा भाभी ने माता-पिता और परिवार की कभी कमी महसूस नहीं होने दी है। हमारी हर जरूरत और फ रमाइश को पूरा किया है। आज से हमारी जिंदगी में एक नया मोड़ आ रहा है जहां से हम दो दिन बाद नई दुनिया में प्रवेश कर रहे है। इससे बढ़कर जिंदगी में क्या खुशी हो सकती है।
सोनू और बसंती ने पत्रिका को बताया कि हम दोनों बहुत खुश है। संस्थान में जन्म से आज तक जीवन बहुत ही खुशगवार बीता है और हमें यहां शिक्षा के साथ संस्कार मिले हैं। बचपन में संस्थान के संस्थापक भगवान सिंह परिहार ‘बाऊजी Óकी गोद में खेलने का अवसर मिला । हमें हमारे जन्म देने वाले माता पिता का तो पता नहीं लेकिन ‘बाऊजी Óऔर राजेन्द्र भैया-शोभा भाभी ने माता-पिता और परिवार की कभी कमी महसूस नहीं होने दी है। हमारी हर जरूरत और फ रमाइश को पूरा किया है। आज से हमारी जिंदगी में एक नया मोड़ आ रहा है जहां से हम दो दिन बाद नई दुनिया में प्रवेश कर रहे है। इससे बढ़कर जिंदगी में क्या खुशी हो सकती है।
18 बालिकाओं का पहले हो चुका विवाह
नवजीवन संस्थान में उन माताओं के बच्चों का लालन-पालन होता है जो न जाने किस मजबूरी में अपने बच्चों को सड़कों के किनारे, निर्जन स्थल अथवा समाज की मर्यादा के डर से गंदी नालियों में फैंक देती है। संस्थान उन फेंके हुए निराश्रित 1100 से अधिक बच्चों के पुनर्वास के माध्यम से नवजीवन प्रदान कर चुका है। वर्तमान में संस्थान में 60 बालिकाएं और संस्थान संचालित पाल रोड स्थित वृद्धाश्रम आस्था में करीब 80 वृद्धजन है। संस्थान की 18 बालिकाओं का विवाह पहले हो चुका है।
नवजीवन संस्थान में उन माताओं के बच्चों का लालन-पालन होता है जो न जाने किस मजबूरी में अपने बच्चों को सड़कों के किनारे, निर्जन स्थल अथवा समाज की मर्यादा के डर से गंदी नालियों में फैंक देती है। संस्थान उन फेंके हुए निराश्रित 1100 से अधिक बच्चों के पुनर्वास के माध्यम से नवजीवन प्रदान कर चुका है। वर्तमान में संस्थान में 60 बालिकाएं और संस्थान संचालित पाल रोड स्थित वृद्धाश्रम आस्था में करीब 80 वृद्धजन है। संस्थान की 18 बालिकाओं का विवाह पहले हो चुका है।