बाड़मेर जिले की शिव तहसील के थुम्बली गांव निवासी प्रेमसिंह पुत्र सगतसिंह के माता-पिता, दादी व दो चाचा के नाम बैंक खाते में खाद बीज अनुदान राशि जमा होनी थी। प्रत्येक को 500-500 रुपए मिलने वाले थे। इस संबंध में प्रेमसिंह ने शिव स्थित कमरे में पटवारी से सम्पर्क किया तो उसने प्रत्येक खातेदार की बैंक डायरी व आधार कार्ड की कॉपी जमा करने की एवज में 500-500 रुपए के हिसाब से २५ सौ रुपए रिश्वत मांगी। उसने बिना रिश्वत काम करने से इनकार कर दिया। 24 नवम्बर को एसीबी ने गोपनीय सत्यापन कराया था। जिसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई थी। 25 नवम्बर को वह ट्रैप नहीं हो सका। २६ नवम्बर को वह चुनावी ड्यूटी में चला गया था। 18 दिसम्बर को भी ट्रैप विफल हो गया था। 2 अप्रेल को पटवारी का तबादला भिंयाड़ हो गया था। संभवत: एसीबी कार्रवाई की भनक लगने से वह पकड़ा नहीं जा सका।
जालोर जिले में वीराना गांव निवासी एक व्यक्ति के पिता के नाम पैतृक भूमि है। पिता की मृत्यु पर मां ने पुत्र के नाम भूमि बख्शीशनामा कर दी। सायला तहसील में पुत्र के नाम भूमि का नामान्तरण खोलने के बदले पटवारी महेन्द्र सोनी ने 22 हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। 13 हजार रुपए ले लिए थे। तीन हजार रुपए की और मांग करने पर एसीबी से शिकायत की गई। 23 फरवरी को गोपनीय सत्यापन में तीन हजार मांगने की पुष्टि हुई थी, लेकिन कार्रवाई का संदेह होने पर उसने घूस नहीं ली थी। सत्यापन में मांग की पुष्टि होने पर शुक्रवार को पटवारी महेन्द्र सोनी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।