script

Lok Sabha Elections 2019 : शुरुआती गर्मी के बाद अब नरम पड़ता जा रहा NOTA का ‘सोटा’

locationजोधपुरPublished: Apr 17, 2019 01:36:50 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

दो विधानसभा और एक लोकसभा चुनाव में नोटा विकल्प का हुआ है उपयोग

lok sabha elections 2019

Lok Sabha Elections 2019 : शुरुआती गर्मी के बाद अब नरम पड़ता जा रहा NOTA का ‘सोटा’

अविनाश केवलिया/जोधपुर. चुनावी रण में सभी प्रत्याशी अपनी-अपनी दावेदारी मजबूती से ठोकते हैं। लोकसभा चुनाव में तो यह ट्रेंड रहा है कि प्रदेश की अधिकांश सीटों पर सीधा मुकाबला ही होता आ रहा है। लेकिन इसके अलावा जो तीसरा विकल्प लोग चुनते हैं वह कोई निर्दलीय या अन्य पार्टी प्रत्याशी न होकर ‘नोटा’ होता है। 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में पहली बार नोटा का उपयोग हुआ। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव, हाल ही में 2018 के विधानसभा चुनाव और अब 2019 के लोकसभा चुनाव में नोटा चौथी बार उपयोग में हुआ है।
पांच साल पहले निर्वाचन आयोग ने जब जनता को एक विकल्प ‘नोटा’ के रूप में दिया तो इसका सर्वाधिक उपयोग हुआ। 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 3 करोड़ 8 लाख 66 हजार 44 वोट पड़े। इनमें से 5 लाख 89 हजार 949 मतदाताओं यानि 1.91 प्रतिशत ने नोटा का विकल्प चुना। लेकिन इसके बाद हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में यह प्रतिशत घट कर महज 1.12 प्रतिशत ही रह गया। इन चुनावों में प्रदेश में 2 करोड़ 93 लाख 66 हजार 866 वोट पड़े, जिनमें से नोटा को 3 लाख 27 हजार वोट थे। हाल ही में 2013 के विधानसभा चुनाव में नोटा को मिले वोट प्रतिशत फिर कुछ बढ़ा और 1.4 प्रतिशत हुआ। मतलब यह कि 3 करोड़ 57 लाख 3 हजार 512 वोटर में से 5 लाख 275 वोट नोटा को मिले।
जोधपुर की स्थिति

2013 के विधानसभा चुनाव के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पता चला कि संसदीय क्षेत्र में 20 हजार 835 वोट यानि 1.67 प्रतिशत नोटा को प्राप्त हुए। इसके बाद हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में यह प्रतिशत घट कर 1.41 प्रतिशत रह गया, 15 हजार 85 वोट नोटा को मिले। अभी हाल ही में 2018 के विधानसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्र में यह प्रतिशत और घट कर 1.29 प्रतिशत रह गया। नोटा को 18 हजार 737 वोट मिले।
जोधपुर में चुनाव दर चुनाव ऐसे कम हुआ नोटा
– 1.67 प्रतिशत वोट नोटा को मिले थे 2013 विधानसभा चुनाव में
– 1.41 प्रतिशत वोट नोटा को मिले थे 2014 लोकसभा चुनाव में
– 1.29 प्रतिशत वोट नोटा को मिले थे 2018 विधानसभा चुनाव में
सबसे कम और सबसे ज्यादा

– शेरगढ़ विधानसभा के लोग सर्वाधिक नोटा का उपयोग करते हैं। तीन चुनावों में यहां की जनता ने सर्वाधिक 2.25 प्रतिशत वोट नोटा को दिए हैं।
– सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 0.97 प्रतिशत वोट नोटा को मिले थे।
विधानसभा क्षेत्र —– 2013 चुनाव —– 2014 चुनाव —— 2018 चुनाव —– औसत

शेरगढ़ ———— 2.32 प्रतिशत —— 2.55 प्रतिशत —– 1.88 प्रतिशत —– 2.25 प्रतिशत
लोहावट ———– 1.9 प्रतिशत ——- 1.74 प्रतिशत —– 2.04 प्रतिशत —– 1.88 प्रतिशत
फलोदी ———– 1.81 प्रतिशत ——- 1.56 प्रतिशत —- 1.61 प्रतिशत —– 1.66 प्रतिशत
लूणी ————- 1.78 प्रतिशत —— 1.16 प्रतिशत —– 1.11 प्रतिशत —– 1.35 प्रतिशत
सूरसागर ———- 1.59 प्रतिशत —— 1.02 प्रतिशत —– 1.3 प्रतिशत ——- 1.30 प्रतिशत
पोकरण ———– 1.10 प्रतिशत —— 1.67 प्रतिशत —– 0.79 प्रतिशत —– 1.18 प्रतिशत
जोधपुर ———– 1.6 प्रतिशत ——- 0.85 प्रतिशत —— 0.96 प्रतिशत —– 1.13 प्रतिशत
सरदारपुरा ——— 1.26 प्रतिशत —— 0.96 प्रतिशत —– 0.70 प्रतिशत —— 0.97 प्रतिशत
(नोटा को मिले वोट प्रतिशत में)

ट्रेंडिंग वीडियो