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इस वेडिंग सीजन मुगल-रजवाड़ा पैटर्न ज्वैलरी से खुद को दें नया लुक, तारीफ किए बिना नहीं रह सकेंगे लोग

युवाओं को लुभा रही है एंटीक ज्वैलरी  

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antique jewellery attracting youngsters

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अनिता चौधरी. भारतीय वेशभूषा बिना आभूषणों के अधूरी है। हमारी प्राचीन संस्कृति में भी शुरू से ही गहनों का अधिक महत्व रहा है। बात करें राजस्थान की तो रजवाड़ों के समय से यहां के राजा-महाराजा से लेकर आम आदमी तक आभूषणों के विशेष शौकीन रहे हैं। मुगलकाल और रजवाड़ों के समय आभूषणों के पैटर्न में बदलाव होता रहा। एक बार फिर यही पुराने पैटर्न नए लुक में लौटकर आए हैं। युवा वर्ग इन दिनों बदले एंटीक ज्वैलरी के प्रति रुचि दिखा रहा है।

आभूषणों में दिख रहा थ्रीडी इफेक्ट

जोधपुर के मार्केट की बात करें तो यहां थ्रीडी इफेक्ट वाली गोल्ड ज्वैलरी मार्केट में हैं। जिनमें डिजाइन वास्तविकता लिए होती है। इनके अलावा गोल्ड ज्वैलरी में ग्लास पेटिंग्स- लेजर पेंट से बनी ज्वैलरी भी लोगों को आकर्षित कर रही है। गोल्ड में आया नया मुगल-रजवाड़ी कॉम्बिनेशन भी खास पहचान बना रहा है। रजवाड़े के समय प्रचलित इन आभूषणों को नयापन देकर अद्भुत बनाया गया है। इनको बाजार में एंटीक ज्वैलरी के नाम से लोग खरीद रहे हैं। इस तरह के गहने एक समय में केवल राजपरिवार वाले ही पहनते थे। परंतु इस बार जोधपुर के बाजार में राजशाही और एंटीक लुक वाले आभूषण उपलब्ध है।

यह है खासियत


आभूषणों की मेकिंग में इस बार ज्वॉइंटिंग के लिए गोल्ड के साथ कैडियम के प्रयोग में बदलाव दिखा है। ज्वैलरी में कैडियम की जगह अलॉय का प्रयोग किया गया हैं, जो अभी तक विदेशी आभूषणों में होता था। क्योंकि कैडियम के प्रयोग से त्वचा कैंसर होने की संभावना रहती हैं, वहीं अलॉय के प्रयोग से त्वचा संबंंिधत किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता है।

जानें इन खास ज्वैलरी के बारे में

1. यह ग्लास पेंटिग्ंस का पीस है। इसमें कांच के अदंर नक्काशी कला से पेंटिंग की गई है। यह मुगल जमाने की सबसे प्रसिद्ध कला है। स्वयं मुगल बादशाह अकबर भी इस कला से बने गहनों का प्रयोग करते थे।
2.यह रूबी नेकलेस पीस है। इसमें थ्री डी इफेक्ट गोल्ड का काम किया हुआ है। इसको मॉडर्न के साथ शाही लुक दिया गया है। इसमें 92.5 प्रतिशत तक शुद्धता होती है।

3. यह थ्री डी इफेक्ट के साथ कुंदन आर्ट का पीस है। इसमें पेटिंग्स कर के रजवाड़ी के साथ ही इसमें मॉडर्न टच दिया गया हैं।
4.यह मीना और कुंदन आर्ट का रजवाड़ी सेट है। इस प्रकार की ज्वैलरी का प्रयोग वर्तमान में बन रही फिल्मों में अधिक देखा गया है। यह पारम्परिक होने के साथ ही अनूठे रूप में बनाई गई है।

5. यह लेजर पेंट कला का सेट हैं। इसको लेजर प्रयोग से सोने पर विभिन्न प्रकार की आकृतिओं का प्रयोग किया गया हैं। यह पेंट परमानेंट होता हैं। इसमें वेट कम होता हैं। लेजर पेंट के साथ सुंदर लुक देने के लिए कुंदन का प्रयोग किया गया हैं।







डायमण्ड के साथ हैं वीवीएस क्वालिटी


डायमण्ड की ज्वैलरी में वीवीएस (वैरी वैरी स्मॉल) क्वालिटी का प्रयोग किया गया है। इसमें ईएफ रंगों का प्रयोग कर इसे सुदंर और एंटीक लुक दिया गया है। इसमें डायमण्ड को अलग रंगों के मेल से बनाकर जोड़ा गया है। गले के आभूषणों के साथ ही कंगन में भी इस तरह के आभूषणों की इस बार नई शृंखला देखने को मिल रही है। इसमें सोने पर पेटिंग्स कर के देवी देवताओं के चित्रों का प्रयोग किया गया हैं। कुंदन के प्रयोग के साथ ही इनमें ग्लास के साथ लेजर पेंट से आकृतियों का प्रयोग किया गया है।


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