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अब डरें नहीं, लगाएं बैंकों की मनमानी पर लगाम… क्योंकि RBI ने लिखे हुए नोट ना लेने के नियम से किया है इंकार

सरकारी और निजी बैंकों की मनमानी की पोल खोलती ये खबर जरूर पढ़ें...  

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Indian currency notes with writing

Indian currency notes with writing

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने पिछले साल जारी 500 और 2000 रुपए के नए नोट पर पेन या पेंसिल से कुछ भी लिखा होने पर बैंक वह नेट नहीं ले, ऐसा कोई नियम नहीं है। सरकारी और निजी बैंक ऐसे नोट लेने से मना कर ग्राहकों को परेशान कर रहे हैं। ग्राहक इन बैंकों की भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को शिकायत करें, तो सम्बन्धित बैंक पर भारी जुर्माना लग सकता है। आरबीआई की ओर से सूचना के अधिकार के अंतर्गत यह खुलासा किया गया है। आरबीआई ने यहां तक कहा है कि बैंक स्टेपल किया हुआ नोट भी जमा करने से इनकार नहीं कर सकते। अब इससे सरकारी व निजी बैंकों की मनमानी पर लगाम लग सकेगी। बैंकों ने इस बीच अपनी ही मर्जी से नोट स्वीकार नहीं करने की सूचनाएं भी दीवारों पर लगा दी हैं।

बैंकों ने मर्जी से चस्पा की सूचनाएं


कई बैंकों में इस बात की सूचनाएं चस्पा की गई हैं कि 2000 व 500 रुपए के नोट पर पेन से कुछ भी लिखा हुआ हो तो स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इसको लेकर जमाकर्ताओं और बैंककर्मियों के बीच तकरार होती रहती है। आरटीआई कार्यकर्ता व अधिवक्ता रज्जाक हैदर ने आरबीआई में आरटीआई के तहत पूछा था कि 2000 व 500 रुपए के नोट पर पेन-मार्कर से कुछ लिखने अथवा स्टेपल करने के बाद ऐसे नोट जमा किए जाएंगे अथवा नहीं..? आरबीआई के मुख्य लोक सूचना अधिकारी पी. विजयकु मार ने इसके जवाब में बताया कि सभी बैंक नोट सहित नए 500 व 2000 के नए नोटों (भारतीय मुद्रा) पर कुछ लिखने से अवैध नहीं होंगे और वे नोट बैंक खाते में जमा करवाए जा सकते हैं।

नोट पर धर्म व राजनीति नहीं चलेगी

आरटीआई में यह भी पूछा गया कि जिन नोट पर धार्मिक और राजनीतिक संदेश चिह्न अंकित होंगे, वे स्वीकार्य होंगे अथवा नहीं...? इसके जवाब में आरबीआई ने कहा है कि नोट रिफंड रूल के अंतर्गत जिन पर धार्मिक और राजनीतिक संदेश लिखा है, उसका मूल्य नहीं मिलेगा।


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