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आनंदपाल, केएम और लॉरेंस के बाद राजस्थान के इस शहर में बनने वाली थी एक और खरतनाक गैंग, फिर हुआ कुछ एेसा

वीरों की धरती पर दहशतगर्दों का एक और साया, जिसे पुलिस ने यूं मिटाया  

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मोबाइल व्यवसायी की गोली मारकर हत्या करने के मामले में 16 दिन बाद इस जांच में एक चौंकाने वाली बात सामने आई थी। आनंदपाल , लॉरेंस विश्नोई व कैलाश मांजू की खतरनाक गैंग के बाद जोधपुर में एक नई गैंग बनने वाली थी। जिसके मंसूबों पर पुलिस ने समय रहते पानी फेर दिया।

नई गैंग बनने से पहले ही पकड़ी गई

जोधपुर के मण्डोर थाने के लेनदेन के विवाद में 1.70 लाख रुपए की वसूली न होने पर सूर्या नाम के युवक के परिवार को ठिकाने लगाने की धमकी के मामले में रिमाण्ड पर चल रहे हिस्ट्रीशीटर पवन सोलंकी व रमेश कच्छवाह से पूछताछ की गई। मंडोर थानाधिकारी मुक्ता पारीक ने बताया कि प्रकरण में थाने के हिस्ट्रीशीटर पवन सोलंकी व राहुल से पूछताछ हुई। पुलिस ने समय रहते इन्हें गिरफ्तार कर लिया। ये लोग इस क्षेत्र में नई गैंग बनाने की फिराक में थे। प्रकरण में रामेश्वर टाक व हिमांशु कच्छवाह न्यायिक अभिरक्षा में है। पूछताछ में यह तथ्य सामने आया कि 1.70 लाख रुपए न देने पर उसने सूर्या उर्फ सूर्यप्रकाश को ठिकाने लगाने के लिए राहुल कच्छवाह को निर्देश दिए थे।


फायरिंग के बाद कोलायत में छोड़ा था आरोपियों को

सरदारपुरा थानाधिकारी भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि मण्डोर रोड पर जनता कॉलोनी कब्रिस्तान के पीछे निवासी फारूख अली (28) पुत्र ईदरीश गत दिनों गिरफ्तार होने वाले नई सड़क हनुमान भाखरी निवासी विनोद प्रजापत की कार का चालक है। गत 17 सितम्बर की रात मोबाइल व्यवसायी वासुदेव की हत्या से पहले वह विनोद की कार में सरदारपुरा सी रोड मोबाइल दुकान के बाहर पहुंचा था। गोली मारने के लिए उसने कार में रैकी की थी। उसने पूछताछ में खुलासा किया कि यह कार कोलायत में रखी गई है। उसने आरोपियों को उसी क्षेत्र में छोड़ा था। इस प्रकरण में पहले से रिमाण्ड पर चल रहे भीमसागर निवासी पूनमचंद विश्नोई व सूरसागर में भोजावतों का बास निवासी हरीश प्रजापत से भी पूछताछ की गई।