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जोधपुर व्यवसायी हत्या केस में एसओजी का बड़ा खुलासा.. और सुनो जोधपुर वालों… आप जानते थे यही होगा

जोधपुर व्यवसायी की हत्या मामले में एसओजी ने खुलासा किया है कि शूटर राज्य छोड़ भागे  

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shooters left Rajasthan

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रंगदारी के लिए मोबाइल व्यवसायी की गोली मारकर हत्या प्रकरण एसओजी ने दोनों शूटर की तलाश में टीमें पंजाब भेजी हैं। कमिश्नरेट, एसओजी, पंजाब व हरियाणा पुलिस की संयुक्त टीमें मामले में तलाश करेंगी।

रंगदारी के लिए मोबाइल व्यवसायी वासुदेव इसरानी का गोली मारकर हत्या करने के आरोपी शूटर हरेन्द्र उर्फ हीरा जाट व काली राजस्थान छोड़ निकल भागे हैं। इनकी तलाश में एसओजी व पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर की संयुक्त टीम पंजाब हरियाणा भेजी गई है। एसओजी को आशंका है कि वारदात के बाद दोनों शूटर जिला ही नहीं राजस्थान छोड़कर भाग चुके हैं। एसओजी के एडीजी उमेश मिश्रा ने बताया कि वासुदेव इसरानी की हत्या के मामले में शेरगढ़ थाना क्षेत्र के दासानिया गांव निवासी हरेन्द्र उर्फ हीरा पुत्र जेठाराम जाट व पंजाब के मोहाली निवासी काली के रूप में पहचान की गई है। दोनों की तलाश में एसओजी व पुलिस कमिश्नरेट जोधपुर की संयुक्त टीम पुलिस हरियाणा भेजी गई है। पंजाब व हरियाणा पुलिस की मदद भी ली जा रही है एसओजी का दावा है कि जल्द ही दोनों शूटर को पकड़ लिया जाएगा।

बच सकता था जोधपुर का व्यापारी... क्योंकि

उधर, शहर के सरदारपुरा सी रोड पर पदमराज डिपार्टमेंटल स्टोर नामक शोरूम के मालिक वासुदेव इसरानी की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस की लापरवाही खुलकर सामने आ रही है। परिजनों की मानें तो १९ जून को उनके शो-रूम पर फायरिंग की घटना के बाद वासुदेव को तीन-चार बार मोबाइल पर आरोपी हरेन्द्र सहित अन्य ने रुपए मांगे और जान से मारने की धमकी देते हुए कॉल किए। हर बार उन्होंने सरदारपुरा थानाधिकारी व पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में शिकायत कर बताया, लेकिन पुलिस अधिकारी उसे टरकाते रहे। नतीजा यह निकला कि आखिरकार उसे गोली मार दी गई। इस बात को लेकर व्यापारियों में दहशत व आक्रोश भी है। समय रहते पुलिस गंभीरता बरतती तो वासुदेव की जान बच सकती थी।

कॉल रिकार्डिंग भी सुनाता था, लेकिन पुलिस ने हल्के में लिया

वासुदेव के पुत्र अनिल व भाई मनोज ने पत्रिका को बताया कि वासुदेव को मोबाइल पर धमकियां मिलने का सिलसिला लगातार चलता रहा। वासुदेव ने पुलिस अधिकारियों को धमकी की रिकॉर्डिंग भी सुनाई और हर बार पुलिस से कहता कि इन्हें गिरफ्तार करो, लेकिन पुलिस ने इसे हल्के में ही लिया। परिजनों में पुलिस के खिलाफ आक्रोश है। परिजनों के अलावा पूरे व्यापारी वर्ग में भी पुलिस के खिलाफ गुस्सा है। इसी गुस्से के कारण आज वे जोधपुर बंद कर धरने पर बैठे हैं।








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