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ग्रामीणों को पंचायतों के ताले खुलने का इंतजार, अटक गए काम काज

locationजोधपुरPublished: Sep 20, 2018 06:00:26 pm

Submitted by:

Manish kumar Panwar

भोपालगढ़. राजस्थान पंचायतीराज सेवा परिषद की पिछले तीन बरसों से की जा रही मांगे पूरी नहीं होने के विरोध में किया जा रहा आंदोलन एवं धरना आठवें दिन भी जारी रहा ।

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ग्रामीणों को पंचायतों के ताले खुलने का इंतजार, अटक गए काम काज

भोपालगढ़. राजस्थान पंचायतीराज सेवा परिषद की पिछले तीन बरसों से की जा रही मांगे पूरी नहीं होने के विरोध में किया जा रहा आंदोलन एवं धरना बुधवार को लगातार आठवें दिन भी जारी रहा और सभी कार्मिकों ने सामूहिक अवकाश पर रहते हुए स्थानीय पंचायत समिति प्रांगण में धरने पर बैठे रहे। लोगों को सामान्य काम काज के लिए भटकना पड़ रहा है। दूसरी ओर पंचायतराज विभाग के कार्मिकों की हड़ताल व आंदोलन को पंचायत समिति प्रधान चिमनसिंह चौधरी समेत कई सरपंचों ने भी नैतिक समर्थन दिया है। वहीं पंचायतराज कर्मचारियों के आंदोलन के चलते समिति कार्यालय के साथ ही क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों पर भी ताले लटक गए हैं और सरपंचों व ग्रामीणों को पंचायतों के ताले खुलने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। यहां आने वाले ग्रामीण फरियादियों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रधान-सरपंचों ने दिया समर्थन

वहीं दूसरी ओर भोपालगढ़ पंचायत समिति के प्रधान चिमनसिंह चौधरी की अगुवाई में सरपंच संघ अध्यक्ष फतेहराम पाड़ीवाल, बासनी हरिसिंह सरपंच भैरुसिंह कुम्पावत, रुदिया सरपंच दयाराम गुर्जर, पालड़ी राणावतां सरपंच प्रतिनिधि करणसिंह राठौड़ समेत कई सरपंचों ने भी पंचायतीराज कर्मचारियों की की ओर से समिति मुख्यालय पर दिए जा रहे धरने में पहुंचकर उनकी मांगों का नैतिक समर्थन किया। वहीं क्षेत्र के लगभग सभी सरपंचों ने भी लिखित में पंचायतीराज कर्मचारियों की मांगों व उनके आंदोलन का समर्थन किया है।
ग्राम पंचायतों पर ताले
दूसरी ओर पंचायतीराज विभाग के तीनों ही प्रमुख घटकों विकास अधिकारी, पंचायत प्रसार अधिकारी एवं खासकर सभी ग्राम विकास अधिकारियों के हड़ताल पर उतर जाने से जहां पंचायत समिति कार्यालय सुनसान सा हो गया हैं। वहीं समिति क्षेत्र की सभी ग्राम पंचायतों पर भी ताले लटक गए हैं और रोजाना यहां पहुंचने वाले ग्राम पंचायतों के सरपंचों ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों व फरियादियों को भी न केवल बैरंग लौटना पड़ रहा है, बल्कि उनके पंचायत से जुड़े कामकाज भी अटकने लगे हैं। जिसके चलते ग्रामीणों का खासी परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है। निसं
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