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जहां दो दिन पूर्व धार्मिक अनुष्ठान हुआ, शिवसर तालाब का वही हिस्सा हुआ धराशायी

locationजोधपुरPublished: Aug 19, 2019 11:38:12 am

Submitted by:

Mahesh

पत्रिका न्यूज़ नेटवर्कफलोदी. शहर का प्राचीन जलस्रोत व ऐतिहासिक शिवसर तालाब के दक्षिण दिशा की ओर स्थित नया घाट का जर्जर बड़ा हिस्सा शनिवार रात अचानक धराशायी हो गया। गमीनत रही कि घाट का यह जर्जर हिस्सा रात में गिरा तथा यहां कोई भी मौजूद नहीं था। जिससे जनहानि टल गई। गौरतलब है कि इसी घाट पर पूर्णिमा के दिन ब्राह्मणों द्वारा श्रावणी उपाकर्म का धार्मिक अनुष्ठान किया गया था तथा दो दिन बाद ही यह जर्जर हिस्सा धाराशायी हो गया।

फलोदी. शिवसर तालाब धराशायी घाट

फलोदी. शिवसर तालाब धराशायी घाट

शिवसर तालाब पर नया घाट पर काफी लोग तैरने के लिए आते है तथा धार्मिक अनुष्ठान भी होते है। एैसे में इस जर्जर घाट को लेकर लोग चिंता व्यक्त कर रहे है, लेकिन इस घाट की मरम्मत के लिए प्रशासन व नगरपालिका द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। तालाब के इस घाट के निकट की दीवार का काफी बड़ा हिस्सा जर्जर था और पत्थर धंस रहे थे। आज रात अचानक यह हिस्सा धराशायी हो गया और मलबा तालाब में जा गिरा।
अब भी खतरा है बरकरार –
तालाब के इस घाट के आस-पास काफी लम्बी फर्श धंस चुकी है तथा पत्थर निकलने के कगार पर है। साथ ही धराशायी हुए हिस्से से भी काफी पत्थर गिर सकते है। एैसे में तालाब के इस स्थान पर अब भी खतरा बरकरार है।
लोगों ने चेताया था-
शिवसर तालाब के संरक्षण में प्रयासरत्त कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका को तालाब के जर्जर घाटों को लेकर अवगत करवाया था, लेकिन समय पर ध्यान नहीं दिए जाने से यह हिस्सा धराशायी हो गया।
आस्था का केन्द्र है तालाब-
शहर का शिवसर तालाब शहरवासियों के लिए आस्था का केन्द्र है। यहां मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है तथा तालाब पर कई धार्मिक अनुष्ठान होते रहते है। सुबह बड़ी संख्या में लोग घूमने व तैरने आते है। इसलिए तालाब का संरक्षण जरूरी है तथा दुर्घटना संभावित स्थानों पर सुरक्षा के इंतजाम भी किए जाने चाहिए। (कासं)
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