तालाब के इस घाट के आस-पास काफी लम्बी फर्श धंस चुकी है तथा पत्थर निकलने के कगार पर है। साथ ही धराशायी हुए हिस्से से भी काफी पत्थर गिर सकते है। एैसे में तालाब के इस स्थान पर अब भी खतरा बरकरार है।
लोगों ने चेताया था-
शिवसर तालाब के संरक्षण में प्रयासरत्त कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका को तालाब के जर्जर घाटों को लेकर अवगत करवाया था, लेकिन समय पर ध्यान नहीं दिए जाने से यह हिस्सा धराशायी हो गया।
आस्था का केन्द्र है तालाब-
शहर का शिवसर तालाब शहरवासियों के लिए आस्था का केन्द्र है। यहां मंदिरों में दिनभर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है तथा तालाब पर कई धार्मिक अनुष्ठान होते रहते है। सुबह बड़ी संख्या में लोग घूमने व तैरने आते है। इसलिए तालाब का संरक्षण जरूरी है तथा दुर्घटना संभावित स्थानों पर सुरक्षा के इंतजाम भी किए जाने चाहिए। (कासं)
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