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गेंहू के दाम बढ़ने की वजह ये भी
गेंहू के दाम बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण जहां रूस-यूक्रेन युद्ध है। वहीं गत दो सालों में गेंहू का समर्थन मूल्य बाजार भाव से नीचे रहने, किसानों को गेंहू का लागत से कम मूल्य मिलने तथा सरसों के बाजार भावों में तेजी के चलते भारत में गेंहू की बुवाई का रकबा घटा था। इस कारण देश मे गेंहू उत्पादन गत वर्षों की अपेक्षा कम होने का अनुमान है, जिससे भी गेंहू के दामों में तेजी आई है। इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते गेंहू के दाम सीधे 5 से 8 रुपए किलो बढ़ गए।
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गेंहू के दाम बढ़ने की वजह ये भी
गेंहू के दाम बढ़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण जहां रूस-यूक्रेन युद्ध है। वहीं गत दो सालों में गेंहू का समर्थन मूल्य बाजार भाव से नीचे रहने, किसानों को गेंहू का लागत से कम मूल्य मिलने तथा सरसों के बाजार भावों में तेजी के चलते भारत में गेंहू की बुवाई का रकबा घटा था। इस कारण देश मे गेंहू उत्पादन गत वर्षों की अपेक्षा कम होने का अनुमान है, जिससे भी गेंहू के दामों में तेजी आई है। इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते गेंहू के दाम सीधे 5 से 8 रुपए किलो बढ़ गए।
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सबसे ज्यादा उत्पादन गंगानगर-हनुमानगढ़ में
प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पादन श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा आदि क्षेत्रों में होता है। वहीं जोधपुर में करीब 73 हजार हैक्टेयर में गेंहू उत्पादन हो रहा है। --- एमएसएपी से ज्यादा भाव बाजार में मिल रहे
गेंहू के एमएसएपी पर खरीद के दाम 2015 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि बाजार भाव करीब 2200 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल बने हुए है। युद्ध के चलते गेंहू के दाम आगे भी कम होने के आसार नहीं है। ऐसे में किसान बाजार में अपना गेंहू बेचने में रुचि दिखा रहे है , न कि एमएसपी पर।
प्रदेश में सबसे ज्यादा उत्पादन श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, कोटा आदि क्षेत्रों में होता है। वहीं जोधपुर में करीब 73 हजार हैक्टेयर में गेंहू उत्पादन हो रहा है। --- एमएसएपी से ज्यादा भाव बाजार में मिल रहे
गेंहू के एमएसएपी पर खरीद के दाम 2015 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि बाजार भाव करीब 2200 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल बने हुए है। युद्ध के चलते गेंहू के दाम आगे भी कम होने के आसार नहीं है। ऐसे में किसान बाजार में अपना गेंहू बेचने में रुचि दिखा रहे है , न कि एमएसपी पर।
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भारत अप्रेल-जुलाई तक 30-35 लाख टन गेंहू निर्यात करेगा व्यापार जगत के अनुसार, विश्व बाजार में गेहूं की बढ़ती मांग के कारण अप्रेल-जुलाई अवधि के दौरान देश के बड़े व्यापारियों ने 30 से 35 लाख टन गेहूं निर्यात को लेकर अनुबंध किए है।
भारत अप्रेल-जुलाई तक 30-35 लाख टन गेंहू निर्यात करेगा व्यापार जगत के अनुसार, विश्व बाजार में गेहूं की बढ़ती मांग के कारण अप्रेल-जुलाई अवधि के दौरान देश के बड़े व्यापारियों ने 30 से 35 लाख टन गेहूं निर्यात को लेकर अनुबंध किए है।
--- सरकारी खरीद का लक्ष्य
- 444 मीटि्रक टन गेंहू खरीद का लक्ष्य पूरे देश में - 23 लाख मीटि्रक टन गेंहू खरीद का लक्ष्य राजस्थान में
-- जोधपुर में गेंहू की प्रमुख क्वालिटी व प्रति किलो भाव
किस्म्----------- पुराने भाव-- वर्तमान भाव
एमपी शरबती--- 24-26 -- 28-32
बिलाड़ा फार्मी-- 32-35 -- 40-45
लाल गेंहू-- 25-30-- 35-40
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- 444 मीटि्रक टन गेंहू खरीद का लक्ष्य पूरे देश में - 23 लाख मीटि्रक टन गेंहू खरीद का लक्ष्य राजस्थान में
-- जोधपुर में गेंहू की प्रमुख क्वालिटी व प्रति किलो भाव
किस्म्----------- पुराने भाव-- वर्तमान भाव
एमपी शरबती--- 24-26 -- 28-32
बिलाड़ा फार्मी-- 32-35 -- 40-45
लाल गेंहू-- 25-30-- 35-40
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अच्छी गुणवत्ता के गेंहू का इस बार गत वर्षों से ठीक भाव मिल रहा है । कृषि मूल्य व लागत आयोग के गेंहू की उत्पादन लागत गणना अनुसार किसानों को 2277 रुपए के भाव मिलने चाहिए। संघ ने गेंहू के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस की घोषणा करने की मांग की है। गेंहू में और जी आती है, निश्चित ही किसानों को इस बार गेंहू की फसल में फायदा मिलेगा।
तुलछाराम सिंवर ,प्रदेश मंत्री
तुलछाराम सिंवर ,प्रदेश मंत्री
भारतीय किसान संघ
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जोधपुर में गेंहू की अधिकांश सप्लाई कोटा, एमपी बॉर्डर क्षेत्र, बारां, बूंदी आदि से होती है। इन जगहों पर भी इस बार फसल कम है। भावों में तेजी बनी हुई है। जोधपुर के आसपास क्षेत्रों में भी कम फसल व हल्की क्वालिटी हुर्ह है। भाव तेज होने से लोगों की खरीद क्षमता तुलनात्मक रूप से घटी है।
आलोक जैन, गेंहू व्यापारी
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जोधपुर में गेंहू की अधिकांश सप्लाई कोटा, एमपी बॉर्डर क्षेत्र, बारां, बूंदी आदि से होती है। इन जगहों पर भी इस बार फसल कम है। भावों में तेजी बनी हुई है। जोधपुर के आसपास क्षेत्रों में भी कम फसल व हल्की क्वालिटी हुर्ह है। भाव तेज होने से लोगों की खरीद क्षमता तुलनात्मक रूप से घटी है।
आलोक जैन, गेंहू व्यापारी
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