6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कोरोना की मार : टेक्सटाइल उद्यमियों पर पानी ट्रीटमेंट बिल की चोट, मुश्किल से चली हैं फैक्ट्रियां

कोरोना महामारी की मार झेल रहे टेक्सटाइल-स्टील उद्यमियों पर अब नई मुसीबत आ गई है। टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से निस्तारित पानी को उपचारित करने वाली संस्था जोधपुर प्रदूषण निवारण ट्रस्ट (जेपीएनटी) ने उद्यमियों को पूरे मार्च माह का बिल भेज दिया है।

less than 1 minute read
Google source verification
water bill issued to textiles factories in jodhpur

कोरोना की मार : टेक्सटाइल उद्यमियों पर पानी ट्रीटमेंट बिल की चोट, मुश्किल से चली हैं फैक्ट्रियां

अमित दवे/जोधपुर. कोरोना महामारी की मार झेल रहे टेक्सटाइल-स्टील उद्यमियों पर अब नई मुसीबत आ गई है। टेक्सटाइल व स्टील इकाइयों से निस्तारित पानी को उपचारित करने वाली संस्था जोधपुर प्रदूषण निवारण ट्रस्ट (जेपीएनटी) ने उद्यमियों को पूरे मार्च माह का बिल भेज दिया है।

टेक्सटाइल व स्टील उद्यमियों का कहना है कि 9-10 मार्च को होली होने के कारण मजदूर 7-8 मार्च को ही निकल गए। बाद में, मजदूरों के नहीं आने से फैक्ट्रियां 18 मार्च से पहले शुरू नहीं हो पाई। इसके बाद, कोरोना महामारी के कारण 22 मार्च को जनता कफ्र्यू लग गया और बाद में लॉकडाउन। ऐसे में मार्च में मुश्किल से 10-15 दिन ही फैक्ट्रियां चली।

जो फैक्ट्रियां चालू, उनसे ही पैसा लिया जाए
उद्यमियों का कहना है कि जब फैक्ट्रियां 10-15 दिन ही चली, तो पूरे माह का बिल भरना उनके लिए भारी पड़ रहा है। जेपीनएटी ने 4 मई को सीइटीपी चालू करने का आदेश जारी किए। उद्यमियों का कहना है जो फैक्ट्रियां चालू हुई, उनसे ही वाटर सेस का पैसा लिया जाए। जो फैक्ट्रियां चालू नहीं हुई, उनसे पैसा नहीं लिया जाए। उद्यमियों को चिंता है कि कहीं जेपीएनटी अप्रेल-मई के बिल भी नहीं भेज दे।

इनका कहना है
यह ट्रस्ट उद्यमियों द्वारा ही बनाया गया है। इसमें बिल के रूप में मिलने वाली राशि ट्रस्ट के रखरखाव, कर्मचारियों के वेतन आदि के लिए काम में ली जाती है। मार्च में भी पानी ट्रीट का काम हुआ था। अप्रेल-मई के बिल का निर्णय बोर्ड की मीटिंग में लिया जाएगा।
-मनोहरलाल खत्री, कोषाध्यक्ष, जोधपुर निवारण प्रदूषण ट्रस्ट