मुख्य नहर में मरम्मत होने पर एक छोटी केनाल के जरिये राजस्थान को अनिवार्य आवश्यकता का पानी 40 दिन के क्लोजर के बाद दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं। पंजाब सरकार यदि इसकी स्वीकृति देती है तो राजस्थान हिस्से में जैसे ही मरम्मत पूरी होती अनिवार्य आवश्यकता का पानी लिया जा सकता है। साधारण: जोधपुर सहित अन्य शहरों को पानी पिलाने के लिए केनाल में नहर व केनाल में स्टोरेज कर काम चलाया जाता है।
दो माह बाद होने वाले इस क्लोजर के लिए जोधपुर में छह माह पहले से ही स्टोरेज के प्रयास शुरू कर दिए गए। 15 दिन में एक बार पानी की कटौती की जा रही है। इससे कायलाना-तख्तसागर जैसे जलस्रोतों में 290 एमसीएफटी पानी स्टोर किया गया है। जो कि शहर को 20 दिन तक पानी पिला सकता है। उधर सुरपुरा रिजरवायर में 35 एमसीएफटी स्टोर किया हुआ है।
मुख्य नहर बनने के बाद पंजाब क्षेत्र में अब तक बड़ी मरम्मत नहीं हुई। इसलिए पहली बार पंजाब क्षेत्र में 13 सौ करोड़ और राजस्थान क्षेत्र में 3 हजार करोड़ का बजट मरम्मत के लिए भारी हुआ है। सबसे ज्यादा नहर की लाइनिंग पंजाब के फरिदकोट में क्षतिग्रस्त है।
70 दिन का पानी स्टोरेज जोधपुर में होना संभव नहीं है, यह हम पहले ही अवगत करवा चुके हैं। अभी जयपुर में उच्च स्तरीय वार्ता होनी है। पंजाब सरकार से विकल्प मांगा है और प्रस्ताव भी दिया है।
– नीरज माथुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, पीएचइडी जोधपुर