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इंदिरा गांधी नहर में प्रस्तावित है इस बार का सबसे बड़ा क्लोजर, पंजाब से राजस्थान ने मांगा विकल्प

locationजोधपुरPublished: Jan 23, 2020 02:17:44 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

मार्च अंतिम सप्ताह में पंजाब सरकार नहर में सबसे बड़ा क्लोजर शुरू कर सकती है। राजस्थान के हिस्से में भी मरम्मत होगी, लेकिन पश्चिमी राजस्थान के कई जिले लगातार 70 दिन का क्लोजर लेने में सक्षम नहीं हैं।

water shutdown in indira gandhi canal due to cleaning and construction

इंदिरा गांधी नहर में प्रस्तावित है इस बार का सबसे बड़ा क्लोजर, पंजाब से राजस्थान ने मांगा विकल्प

अविनाश केवलिया/जोधपुर. इंदिरा गांधी नहर में इस बार सबसे बड़े क्लोजर की तैयारी की जा रही है। पंजाब अपने हिस्से में पूरा क्लोजर लेने की तैयारी कर चुका है। लेकिन राजस्थान को अब तक संकट है। जोधपुर सहित बीकानेर और श्रीगंगानगर में भी इस क्लोजर को लेकर काफी हलचल है। ऐसे में अब राजस्थान सरकार ने मुख्य सचिव स्तर की वार्ता में पंजाब से विकल्प मांगा है।
मार्च अंतिम सप्ताह में पंजाब सरकार नहर में सबसे बड़ा क्लोजर शुरू कर सकती है। राजस्थान के हिस्से में भी मरम्मत होगी, लेकिन पश्चिमी राजस्थान के कई जिले लगातार 70 दिन का क्लोजर लेने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में अधिकतम 40 दिन में ही राजस्थान की हिस्से की केनाल में कुछ पानी छोडऩे के लिए बातचीत चल रही है। पंजाब में मुख्य नहर में जहां मरम्मत होगी, उसके अतिरिक्त छोटी केनाल से पानी का कुछ हिस्सा छोडऩे का दावा किया जा रहा है।
यह हो सकता है विकल्प
मुख्य नहर में मरम्मत होने पर एक छोटी केनाल के जरिये राजस्थान को अनिवार्य आवश्यकता का पानी 40 दिन के क्लोजर के बाद दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए उच्च स्तरीय बैठकें हो रही हैं। पंजाब सरकार यदि इसकी स्वीकृति देती है तो राजस्थान हिस्से में जैसे ही मरम्मत पूरी होती अनिवार्य आवश्यकता का पानी लिया जा सकता है। साधारण: जोधपुर सहित अन्य शहरों को पानी पिलाने के लिए केनाल में नहर व केनाल में स्टोरेज कर काम चलाया जाता है।
स्थानीय स्तर पर बढ़ा रहे स्टोरेज
दो माह बाद होने वाले इस क्लोजर के लिए जोधपुर में छह माह पहले से ही स्टोरेज के प्रयास शुरू कर दिए गए। 15 दिन में एक बार पानी की कटौती की जा रही है। इससे कायलाना-तख्तसागर जैसे जलस्रोतों में 290 एमसीएफटी पानी स्टोर किया गया है। जो कि शहर को 20 दिन तक पानी पिला सकता है। उधर सुरपुरा रिजरवायर में 35 एमसीएफटी स्टोर किया हुआ है।
मरम्मत का खर्च 4 हजार करोड़
मुख्य नहर बनने के बाद पंजाब क्षेत्र में अब तक बड़ी मरम्मत नहीं हुई। इसलिए पहली बार पंजाब क्षेत्र में 13 सौ करोड़ और राजस्थान क्षेत्र में 3 हजार करोड़ का बजट मरम्मत के लिए भारी हुआ है। सबसे ज्यादा नहर की लाइनिंग पंजाब के फरिदकोट में क्षतिग्रस्त है।
इनका कहना है…
70 दिन का पानी स्टोरेज जोधपुर में होना संभव नहीं है, यह हम पहले ही अवगत करवा चुके हैं। अभी जयपुर में उच्च स्तरीय वार्ता होनी है। पंजाब सरकार से विकल्प मांगा है और प्रस्ताव भी दिया है।
– नीरज माथुर, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, पीएचइडी जोधपुर
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