इन दिनों जिन बच्चों के माता-पिता पिछले डेढ़ साल में कोरोना महामारी से संक्रमित होकर काल कवलित हो गए हैं। उनके अनाथ व असहाय बच्चों को आजीवन नि:शुल्क शिक्षा देने का बीड़ा एसेंट शिक्षण संस्थान व निजी स्कूल शिक्षण संस्थान संघ उठाएगा। संस्थान के अध्यक्ष महेंद्र सिंह गुर्जर बताते हैं कि पिछले एक साल में करीब 2 हजार 53 लोगों की मौत हुई है। इनमें कई ऐसे बच्चे भी है, जिन्होंने अपने माता-पिता को इस महामारी में खो दिया है। अब उनकी स्थिति इस कदर दयनीय हो गई है कि फ ीस, यूनिफ ार्म, किताबें,स्टेशनरी व जूते नहीं होने के कारण वे पढ़ाई छोडऩे को मजबूर हो गए हैं। ऐसे ही बच्चों को जीवन की मुख्य धारा से जोडऩे के लिए प्राइमरी से बारहवीं कक्षा तक की शिक्षा नि:शुल्क दी जाएगी। संस्थान के सचिव नवीन शर्मा ने बताया कि यह एडमिशन आगामी 31 जुलाई तक दिए जाएंगे। जिसकी प्रक्रिया जारी है।
50 लोगों की टीम बनाई संस्थान के गौरीशंकर आचार्य ने बताया कि इसके लिए मरने वालों की सूची लेकर नगर निगम उत्तर व दक्षिण क्षेत्र में निजी स्कूल संचालकों की टीम रीको निदेशक व टीम के संयोजक सुनील परिहार के निर्देशन में सर्वे कर ऐसे बच्चों का पता लगाकर उन्हें निशुल्क एडमिशन देने का काम करेगी। इसके लिए दो सर्वे टीम बनाई गई है। हर टीम में पचीस लोग होंगे। इस मुहिम में उनके मित्र सुरेंद्र, सोनाराम चौधरी, नितेश, विजय, सुरेंद्र आचार्य, जोगेंद्र गौड़, प्रेमकुमार शर्मा, विष्णु नारायण शर्मा व रजत गौड़ सहित कई लोग सम्मिलित हैं।