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मंत्री ने अस्वीकार किया तो सफाईकर्मी भर्ती के लिए सीएम तक पहुंच गए थे ‘दादा’

locationजोधपुरPublished: Dec 27, 2020 11:18:38 pm

Submitted by:

Avinash Kewaliya

नगर निगम जोधुपर के प्रथम महापौर रहे डॉ. खेत लखानी का निधन
 

मंत्री ने अस्वीकार किया तो सफाईकर्मी भर्ती के लिए सीएम तक पहुंच गए थे ‘दादा’

मंत्री ने अस्वीकार किया तो सफाईकर्मी भर्ती के लिए सीएम तक पहुंच गए थे ‘दादा’

जोधपुर। नगर निगम जोधपुर के प्रथम महापौर रहे डॉ. खेत लखानी का 101 वर्ष की उम्र में रविवार को निधन हो गया। संघ, भाजपा और आर्य समाज से लम्बे समय तक जुड़े रहे डॉ. लखानी को सादगी की प्रतिमूर्ति भी माना जाता था। महापौर रहते हुए बिना वेतन किराये का कमरा लेकर रहना और साधारण प्रक्रिया से काम निपटाना उनकी पहचान बन गया। उनके निधन पर कई नेताओं व प्रबुद्धजनों ने दुख जताया।
केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत, राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत, भाजपा जिलाध्यक्ष देवेन्द्र जोशी और जिला महामंत्री महेन्द्र मेघवाल, देवेन्द्र सालेचा, डॉ. करणीसिंह खींची, एबीवीपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष हेमंत घोष सहित अन्य ने उनके निधन पर शोक जताया। डा. खेत लखानी का महापौर का कार्यकाल जोधपुर नगर निगम के स्वर्णिम काल में याद किया जाता है। उन्होंने नगर निगम को एक परिवार के रूप में बांधा एवं परिवार के मुखिया के रूप में काम किया। सफाई कर्मचारियों को चेक के माध्यम से भुगतान भी पहली बार उन्होंने ही करवाया। एक क्रांतिकारी कदम सिद्ध हुआ है। उन्होंने निगम के प्रत्येक सफाई कर्मचारी के साथ अपना व्यक्तिगत नाता जोड़ा। डॉ. लखानी को प्रतिष्ठित आंखों के डॉक्टर के रूप में भी हमेशा याद किया जाएगा। नगर निगम कर्मचारी मजदूर संघ के सुमनेश पुरोहित, महामंत्री रगेश त्यागी और सुबोध व्यास ने भी संवेदनाएं प्रकट की।
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स्मृति शेष – डॉ. खेत लखानी

जोधपुर।

डॉक्टर खेत लखानी यानि ‘दादा’ सिर्फ नाम ही नहीं बल्कि अपने आप में सच्चाई, ईमानदारी, सादगी, निडरता और समाज सेवा का पर्याय। चाहे किस पद पर भी रहे लेकिन हमेशा सादगी का दामन पकड़े रखा।
उनके बड़े भाई डॉक्टर हरचंदराय लखानी जो अमरकोट नगर परिषद के चेयरमैन थे तथा अपने समाज सेवा के कार्यों के लिए प्रसिद्ध थे, को मैं बचपन से देखता आया था। सिंध से 1971 में विस्थापित होकर बाड़मेर आया और फिर 1974 में जब जोधपुर आया तो पहली बार दादा से प्रत्यक्ष मिला। तब से उनके सुझाए मार्ग पर चल रहा हूं। उनसे पारिवारिक संबंध तो थे ही 1994 में जब नगर निगम के पहले आम चुनाव हुए तो वे जोधपुर के पहले महापौर बने तब मुझे पार्षद के रूप में उनके साथ काम करने का मौका मिला। अपने दिन प्रतिदिन के कार्य एवं व्यवहार से हम सबको कुछ न कुछ सिखा ही देते थे। नगर निगम में 774 सफाई कर्मियों की लंबित भर्तियों के लिए वे तत्कालीन स्वायत्त शासन मंत्री भंवरलाल शर्मा से मिले, परंतु उन्होने भर्तियों की स्वीकृति के लिए इनकार कर दिया। इसके बाद दादा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत से मिलकर उनके समक्ष बात रखी। शेखावत ने स्वयं मंत्री भंवरलाल शर्मा को फोन पर निर्देश दिए कि इन भर्तियों के लिए स्वीकृति तुरन्त जारी करें और आप से नहीं होता है तो प्रपोजल मेरे पास भेज दें। भविष्य में डॉ लखानी द्वारा लाया गया प्रत्येक प्रस्ताव तुरन्त स्वीकार होना चाहिए। शतायु होने के बाद भी उनका प्रयास यही रहता था कि वे अपने सभी कार्य स्वयं करें।
– गणेश बिजाणी, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम जोधपुर
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