scriptअफीम का दूध कहां गया? जांच के बाद हो सकती है एफआइआर | Where did the opium milk go? FIR can be made after investigation | Patrika News

अफीम का दूध कहां गया? जांच के बाद हो सकती है एफआइआर

locationजोधपुरPublished: Jun 04, 2021 02:02:00 am

Submitted by:

Vikas Choudhary

– एनडीपीएस एक्ट में फंसाने की धमकी देकर 3.50 लाख रुपए व दो किलो अफीम ऐंठने का मामला- चार-पांच दिन में जांच पूरी होने की उम्मीद, सात लाख में राजीनामा, पांच लाख लौटाए

अफीम का दूध कहां गया? जांच के बाद हो सकती है एफआइआर

अफीम का दूध कहां गया? जांच के बाद हो सकती है एफआइआर

जोधपुर.
अफीम का दो किलो दूध मंगाने के बाद एनडीपीएस एक्ट में फंसाने की धमकी देकर 3.50 लाख रुपए और अफीम का दूध हड़पने के मामले में यह तो स्पष्ट हो चुका है कि मादक पदार्थ का आदान प्रदान हुआ था। फिर भी पुलिस ने अभी तक अपने ही सिपाहियों व दूसरे पक्ष के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में एफआइआर दर्ज नहीं की है। न ही यह पता लग पाया है कि अफीम का दो किलो दूध कहां गया। तीनों सिपाहियों ने खुर्द-बुर्द कर दिया या कहीं छुपाया गया है।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) आलोक श्रीवास्तव का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। जो तीन-चार दिन में पूरी होने की उम्मीद है। उसके बाद एफआइआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
लाइन हाजिर होने के बावजूद थाने में ही जमे
कानूनी कार्रवाई की बजाय तस्कर से मिलीभगत कर रुपए व अफीम ऐंठने के मामले में कांस्टेबल शांतिलाल, सरदार सिंह व ज्ञानचंद और मॉनिटरिंग में लापरवाही मानते हुए थानाधिकारी जुल्फिकार अली को निलम्बित किया गया। सरदारसिंह का पुलिस लाइन में तबादला हो चुका था, लेकिन फिर भी वह थाने में ही जमा रहा। वहीं, थाने में ऐसे कई और पुलिसकर्मी हैं जिनका स्थानान्तरण लाइन में हो चुका है, लेकिन वे मौखिक आदेश पर थाने में ड्यूटी कर रहे हैं। कांस्टेबल शांतिलाल तो थानाधिकारी की विशेष टीम में शामिल था।
5 लाख लौटाए, बिचौलियों के लिए दो लाख की मांग
तस्करों से सांठ-गांठ व अवैध वसूली की पोल खुलने पर तीनों सिपाहियों ने तस्कर से राजीनामे के प्रयास शुरू कर दिए थे। कुछ ग्रामीणों ने मध्यस्थता की। 3.50 लाख रुपए व अफीम के चार लाख रुपए मांगे गए। दो-तीन लाख रुपए दो-तीन बिचौलियों के लिए भी मांगे गए थे। सूत्रों की मानें तो पुलिस जांच होने पर पक्ष में बयान देने की हामी भरी गई थी। ऐसे में पत्रकार सात लाख रुपए लौटाने को तैयार हो गए थे। इसमें से पांच लाख रुपए लौटा दिए गए थे।
पुलिस के अन्य अधिकारी अनजान बने
सिपाहियों की हिमाकत के बारे में थाने के एक-दो सिपाहियों को पता लग गया था। उन्होंने जिले के एक अन्य अधिकारी को सूचना दी थी। जो अनजान बने रहे और उच्चाधिकारी तक को अवगत नहीं कराया।
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