scriptप्रदेश के 23 में से 15 आयुष कॉलेजों में जीरो सेशन! | Zero session in 15 out of 23 AYUSH colleges in the state | Patrika News

प्रदेश के 23 में से 15 आयुष कॉलेजों में जीरो सेशन!

locationजोधपुरPublished: Jan 15, 2021 01:10:25 pm

AYUSH
– आयुर्वेद के 9, होम्यापैथी के 4 और यूनानी के 2 कॉलेजों को मान्यता नहीं- आयुष काउंसलिंग में 1593 में से 698 सीटों पर शुरू हुई प्रवेश प्रक्रिया, आधे से अधिक विद्यार्थी रहेंगे वंचित- न्यूनतम मापदण्ड पूरा नहीं करने पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने किया निर्णय

प्रदेश के 23 में से 15 आयुष कॉलेजों में जीरो सेशन!

प्रदेश के 23 में से 15 आयुष कॉलेजों में जीरो सेशन!

जोधपुर. केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने इस साल राज्य के आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी के 23 में से 15 कॉलेजों को मान्यता नहीं दी, जिसके कारण इन कॉलेजों में जीरो सेशन का खतरा मंडरा रहा है। ये कॉलेज मिनिमम स्टैंडर्ड रेगुलेशन्स (एमएसआर) पर खरे नहीं उतरे। प्रदेश में आयुष काउंसलिंग के जरिए फिलहाल इन तीनों स्ट्रीम की 1593 सीटों में से 698 में ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू की गई। गुरुवार को राज्य कोटे की सीटों के लिए ऑनलाइन चॉइस फिलिंग शुरू हो गई है। अगर इन कॉलेजों की सम्बद्धता की स्थिति नहीं बदलती है तो इस साल प्रदेश में केवल 40 फीसदी विद्यार्थी ही आयुष पाठ्यक्रम में प्रवेश ले पाएंगे। हालांकि प्राकृतिक चिकित्सा एवं योगा के 7 कॉलेजों की 500 सीटों पर प्रवेश सुचारू है। इन कॉलेजों को मान्यता की जरुरत नहीं रहती है, लेकिन विद्यार्थियों का रुझान प्राकृतिक चिकित्सा में नहीं होने के कारण हर साल इन कॉलेजों की सीटें खाली रह जाती हैं।
आयुर्वेद के 11 में से 2 कॉलेजों को मान्यता
प्रदेश में आयुर्वेद के 11 कॉलेज हैं। इसमें से दो सरकारी कॉलेजों जोधपुर का यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ आयुर्वेद और उदयपुर का राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय को ही मान्यता मिली है। शेष 9 निजी कॉलेजों को मान्यता नहीं दी गई। ऐसे में केवल 200 सीटों के लिए फिलहाल आयुष काउंसलिंग हो रही है। 570 सीटों पर प्रवेश बंद है।
होम्योपैथी के 9 में से 5 पर प्रवेश
प्रदेश में वर्तमान में होम्योपैथी का एक भी सरकारी कॉलेज नहीं है। सभी 9 कॉलेज निजी है। अभी तक केवल 5 निजी होम्योपैथिक कॉलेजों को मान्यता दी गई है, जिनकी 435 सीटों पर प्रवेश प्रक्रिया चालू है। शेष 4 कॉलेजों की 235 सीटों पर प्रवेश बंद है।
यूनानी के एकमात्र सरकारी कॉलेज में ही प्रवेश
राज्य में यूनानी के तीन कॉलेज हैं। इसमें एक कॉलेज सरकारी है। शेष निजी है। राजस्थान आयुर्वेद विवि के टोंक स्थित यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ यूनानी की 63 सीटों पर ही केवल प्रवेश दिया जा रहा है। जयपुर के दो निजी यूनानी कॉलेजों को मान्यता नहीं मिली। ऐसे में उनकी 90 सीटों पर प्रवेश बंद है।
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‘इन 15 कॉलेजों द्वारा शिक्षकों की संख्या, ओपीडी, इनडोर बेड, मरीजों के डाटा सहित कई न्यूनतम आवश्यकताएं पूरा नहीं करने पर अब तक मान्यता नहीं मिली है। ऐसे में फिलहाल इन्हें काउंसलिंग में शामिल नहीं किया गया है। आयुष मंत्रालय की ओर से इनकी हियरिंग की जा रही है।’
-प्रो राजेश शर्मा, चेयरमैन, राजस्थान यूजी/पीजी आयुष काउंसलिंग बोर्ड
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