31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

CM कन्या विवाह: मुहूर्त ही नहीं और सज गए 250 जोड़ों का मंडप

मुख्यमंत्री के इस महत्वकांक्षी योजना को अधिकारी ही बिगाड़ रहे हैं। मात्र औपचारिकता निभाते हुए बिना दिन-तिथि-मुहूर्त देखे ही शादी कराई जा रही है

2 min read
Google source verification

image

Chandu Nirmalkar

Apr 01, 2016

CM kanya Vivah plan

CM kanya Vivah plan

कबीरधाम.
आज जो जोड़े सामूहिक शादी में शामिल हुए वह इसलिए क्योंकि यह आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि सरकारी शादी है तो बिना मुहूर्त के ही कराई जाए। मुख्यमंत्री के इस महत्वकांक्षी योजना को अधिकारी ही बिगाड़ रहे हैं। मात्र औपचारिकता निभाते हुए बिना दिन-तिथि-मुहूर्त देखे ही शादी कराई जा रही है।


जिले में एक बार फिर से सरकारी शादी कराई जा रही है। हिन्दू रिती-रिवाज में मुहूर्त पर ही शादी की जाती है, जबकि यहां पर 250 से अधिक जोड़ों की शादी बगैर मुहूर्त के कराया जाना है। इसके गवाह स्वयं मुख्यमंत्री और मंत्री बनेंगे।


कबीरधाम जिले में एक अप्रैल को मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसमें 250 से अधिक जोड़ों की शादी कराने का लक्ष्य है। इसके लिए लाखों का फंड जिला प्रशासन व महिला बाल विकास विभाग द्वारा जुटाया गया है। प्रत्येक जोड़े पर 30 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे, लेकिन यह शादी मुहूर्त पर नहीं की जा रही है। मुख्य बात यह है कि एक अप्रैल को किसी भी पंचाग के अनुसार शादी के मुहूर्त ही नहीं है। अधिकारी केवल एक सरकारी औपचारिकता निभाते हुए सामूहिक शादी को मूर्त रूप दे रहे हैं।


मुख्यमंत्री होंगे साक्षी

मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक विवाह का कार्यक्रम नगर के सरदार पटेल मैदान में आयोजित किया जा रहा है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह होंगे। मतलब इस बिना मुहूर्त वाली शादी के साक्षी स्वयं मुख्यमंत्री होंगे। इनके अलावा महिला एवं बाल विकास मंत्री रमशीला साहू, लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत, सांसद अभिषेक सिंह, संसदीय सचिव मोतीराम चंद्रवंशी भी शामिल होंगे।


योजना अच्छी, लेकिन क्रियान्वयन नहीं

ऐसा नहीं है कि यह योजना खराब हो। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना गरीब परिवार के लिए बेहतर है, लेकिन उचित क्रियांवयन नहीं हो पा रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार को एक मंच मिलता है विवाह की व्यवस्था के लिए। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण योजना का बंटाधार हो रहा है।


तेरस तक शुभ मुहूर्त नहीं

पंडितों के अनुसार एक अप्रैल को विवाह के लिए शुभ मुहूर्त तो दूर लग्न भी नहीं है। होली के समय मतलब तेरस तक शादियों को शुभ नहीं माना जाता। शादी करनी ही है तो तेरस के बाद या फिर नवरात्रि में की जा सकती है। लेकिन कबीरधाम जिला प्रशासन इस सबको नजरअंदाज करते हुए 250 युवक-युवतियों की शादी करा रहे हैं।


मुहूर्त ही नहीं

पंचाग में तो एक अप्रैल को शादी का कोई मुहूर्त नहीं है। होली के तेरस तक शादी को शुभ नहीं माना जाता, इसलिए तेरस के बाद शादी की जाती है। कई पंचाग में तो अप्रैल में शादी के मुहूर्त ही नहीं है।

गोविंद प्रसाद तिवारी, आचार्य व पंडित


इस संबंध में महिला बाल विकास अधिकारी से बात करने की कोशिश की गई। लेकिन उन्होने फोन ही नहीं उठाया।

ये भी पढ़ें

image