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New Year 2026: MP की पर्यटन नगरी में बनेगा ‘5 क्विंटल का महाप्रसाद’, VIP दर्शन सख्त

MP News: नए साल पर भक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है। दर्शन व्यवस्था बदली, प्रसाद बढ़ा और शहर में वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद।

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5 Quintal Mahaprasad to be made in orchha (फोटो-MPT Website)

5 Quintal Mahaprasad: भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान की पूजा-अर्चना और दर्शन से करना शुभ माना जाता है। नया साल भी इसी परंपरा का प्रतीक है। नए वर्ष में लोग नई उम्मीदों, उमंगो और खुशियों के साथ जीवन की नई शुरुआत करेंगे। जहां एक ओर नववर्ष (New Year 2026 celebration) का स्वागत पार्टी, पिकनिक और मनोरंजन के माध्यम से किया जाता है। वहीं बड़ी संख्या में लोग ऐसे भी है जो नए साल की पहली सुबह भगवान की आराधना कर अपने जीवन को सुख-समृद्धि और शांति से भरने की कामना करते हैं। (MP News)

जिले के सभी बड़े मंदिरों में लगेगी भक्तों की भीड़

टीकमगढ़ जिले में अनेक प्राचीन, सिद्ध और चमत्कारी धार्मिक स्थल है, जहां नववर्ष के पहले दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इन स्थलों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की कतारें लग जाती है और पूरा वातावरण भक्ति और श्रद्धा से सराबोर हो जाता है। नववर्ष के अवसर पर ये सभी धार्मिक स्थल श्रद्धा और आस्था के केंद्र बन जाते है। लोग नए साल की शुरुआत भगवान के दर्शन, पूजा अर्चना और अनुष्ठान के साथ कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं।

1000 साल पुराने माता मंदिर में आते है श्रद्धालु

खरगापुर क्षेत्र के देरी गांव में स्थित कालका माता मंदिर (Kalka Mata Temple) अत्यंत प्राचीन और चमत्कारी माना जाता है। जनश्रुति के अनुसार माता दुर्गा ने पहाड़ियों को चीरकर भक्तों को दर्शन दिए थे। यह मंदिर 11वीं सदी के चंदेल राजा मदन वर्मा के समय से जुड़ा हुआ है। पहाड़ी को चीरकर बनी सुरंग आज भी मंदिर परिसर में मौजूद है, जो इसकी सिद्धता का प्रमाण मानी जाती है।

पृथ्वीपुर के समीप स्थित अछूरू माता मंदिर (Achhuru Mata Temple) देश के उन गिने चुने चंद्र देवी मंदिरों में शामिल है। जहां माता रानी कुंड के भीतर से भक्तो से संवाद करती है और प्रसाद देती है। यह मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों और आस्था के कारण प्रसिद्ध है। प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर यहां पहुंचते हैं।

5 क्विंटल अधिक का बनेगा महाप्रसाद

नव वर्ष को लेकर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी ओरछा (Orchha) में भी खास इंतजाम किए गए हैं यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए कतर वच व्यवस्था की गई है महिला पुरुषों की जहां अलग-अलग कतारें होगी। वहीं प्रशासन ने वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को और भी सख्त किया है। मंदिर के व्यवस्थापक एवं तहसीलदार सुनील बाल्मीकि ने बताया कि नए साल पर आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए राजभोग में 5 क्विंटल शुद्ध घी के अतिरिक्त लड्डू बनाए जाएंगे।

ओरछा आने वाले अधिकांश श्रद्धालु राजभोग का प्रसाद लेकर अवश्य जाते हैं। इसके साथ ही ओरछा में वाहनों का प्रवेश निषेध रहेगा। प्रशासन ने नववर्ष पर अधिक संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए चार जगह पर पार्किंग की व्यवस्था की है। इसमें टीकमगढ़ पृथ्वीपुर की ओर से जाने वाले श्रद्धालुओं के वाहन सेंचुरी एरिया में पर किए जाएंगे, तो झांसी की ओर से आने वाले वाहन प्रथम गेट के पहले थाना परिसर के पास पार्किंग में रखे जाएंगे।

कुण्डेश्व मंदिर में होगी दर्शन की व्यवस्था

शिव धाम कुंडेश्वर (Kundeshwar Temple) में भगवान के दर्शन के लिए महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग पंक्ति में व्यवस्था की गई है। यहां पर सुबह 4 बजे भगवान का विशेष अभिषेक कर मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। सुरक्षा को लेकर यहां पर मौदर परिसर एवं नदी घाट पर पुलिस की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही नदी कुंड पर गोताखोर तैनात किए जाएंगे।

मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष अभिषेक पास तोड़‌ना बताया शाम को भगवान का विशेष अंगार कर महा आरती की जाएगी। यातायात प्रभारी कैलाश कुमार पटेल ने बताया नव वर्ष पर आने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए मंदिर के बाजू में एवं डाइट पर कर के पास वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही ललितपुर महरौनी की ओर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए नदी पुल के पहले वाहन पार्किंग की व्यवस्था होगी।

1100 वर्ष पुराना प्रसिद्ध मंदिर

जिला मुख्यालय से करीब 15 किमी दूर वकपुरा गांव में स्थित बगाज माता मंदिर को सरस्वती माता का मंदिर भी कहा जाता है। यह मंदिर लगभग 1100 वर्ष पुराना है और विष निवारण की मान्यता के लिए यह मंदिर प्रसिद्ध है। (MP News)