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उम्मीदवारों की सूची जारी करते ही कांग्रेस शुरू हुआ आपसी घमासान, उठने लगे बगावत के स्वर

कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होते ही दावेदारों में घमासान मच गया है। शंकर ध्रुवा के एक खुलासे से कांग्रेस में हड़कंप मचा है।

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उम्मीदवारों की सूची जारी करते ही कांग्रेस शुरू हुआ आपसी घमासान, उठने लगे बगावत के स्वर

कांकेर. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस प्रत्याशियों की पहली सूची जारी होते ही दावेदारों में घमासान मच गया है। शंकर ध्रुवा के एक खुलासे से कांग्रेस में हड़कंप मचा है।बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों की पहली पसंद नरेश ठाकुर का नाम होने और कांग्रेस प्रत्याशी शिशुपाल शोरी का नाम 5 वें पायदान पर होने के खुलासे से खलबली मची है।

भानुप्रतापपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे बीरेश ठाकुर को इस बार भी कांग्रेस आलाकमान ने झटका देकर यहां का पारा बढ़ा दिया है।इस सीट पर बगावत होना तय माना जा रहा है।इस सीट पर बगावत की बात करें तो 2003 के विधानसभा चुनाव में मनोज मंडावी के हार जाने के बाद 2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आलाकमान ने मनोज मंडावी का टिकट काट दिया था। इस सीट से कांग्रेस ने गंगा पोटाई को मैदान में उतारा तो मनोज मंडावी बगावत कर मैदान में उतर गए। इसका फायदा भाजपा को मिल गया।2013 के विधानसभा चुनाव में आखिरकार आलाकमान को पुन: मनोज मंडावी को टिकट देना पड़ गया। जबकि इस सीट से बीरेश ठाकुर द्वारा विधानसभा चुनाव 2003 से लगातार टिकट मांगा जा रहा है।

इसी तरह से अंतागढ़ सीट की बात करें तो पुराने कार्यकर्ताओं को तब्बजो नहीं देने की नाराजगी अब सामने आ गई है। इस सीट से कांग्रेस की ओर से चार दावेदार मैदान में माने जा रहे हैं। वर्षों तक समर्पित भाव से सेवा करने वालोंं पर इस बार भी आलाकमान ने विश्वास नहीं जताया तो विरोध के स्वर उठने लगे हैं। अगर तीनों विधानसभा सीट पर बागी मैदान में उतरे तो कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। बूथस्तर के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की रायसुमारी का सभी हथकंडा फेल होना यहां कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। इस खुलासे से कांग्रेस में हडक़ंप मच है। कांग्रेस आलाकमान के फार्मूले पर सवाल खड़ा होने पर तो कार्यकर्ताओं के मन पसंद की अनदेखी इस सीट पर भारी पड़ रही है। बस्तर संभाग में सिर्फ एक विधायक का टिकट कटा है।

शंकर धु्रवा ने कहा कांकेर में ही नहीं बस्तर में कांग्रेस को कमजोर करने के लिए यह सब एक व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है। आलाकमान तक झूठी जानकारी देकर जमीनी कार्यकर्ताओं को कमजोर किया जा रहा है। विधानसभा में सवाल करने में चौथी रैंक लाने वाले विधायक का टिकट काटना पूरी तरह से गलत है। अंतिम समय तक पार्टी की ओर से टिकट का इंतजार करुंगा। टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरूंगा। मेरे साथ अन्याय किया गया है।

भानुप्रतापुपर विधानसभा सीट पर भी कांग्रेस में टिकट वितरण को लेकर बगावत के स्वर उठने लगे हैं। इस स्वर से कांग्रेस को भानुप्रतापपुर में बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों की माने तो हर विधानसभा चुनाव में इस बार नहीं अगली बार टिकट देने का झूठा फार्मूला यहां बड़ा नुकसान कर सकता है। विधानसभा में पांच साल में एक भी सवाल नहीं उठाए जाने का मुद्दा भी आम जतना तक पहुंच गया है, जो कांग्रेस को बड़ा झटका दे सकता है।

कांग्रेस ने अंतागढ़ में मात्र एक साल के पार्टी कार्यकर्ता को टिकट देने से पुराने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में असंतोष भडक़ रहा है। काफी दिनों से टिकट के दावेदारी में लगे रुपसिंह पोटाई और विश्राम गावड़े बगावती तेवर अपना लिए हैं। कांग्रेस के इन निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर आलाकमान द्वारा निर्णय नहीं लेने से अंतागढ़ सीट पर कांग्रेस को नुकसान हो सकता है। पुराने कार्यकर्ताओं ने सवाल खड़ा कर दिया कि नए लोगों को तबज्जो देकर गलत किया गया है।